PhD में हेरफेर पर UGC का सख्त कदम! 3 यूनिवर्सिटी पर एडमिशन बैन, 30 की जांच जारी

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PhD में हेरफेर पर UGC का सख्त कदम! 3 यूनिवर्सिटी पर एडमिशन बैन, 30 की जांच जारी





यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा तीन विश्वविद्यालयों पर पीएचडी में एडमिशन रोकने का यह कदम उच्च शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला है। राजस्थान की OPJS यूनिवर्सिटी (चूरू), सनराइज यूनिवर्सिटी (अलवर), और सिंघानिया यूनिवर्सिटी (झुंझुनू) पर यह कार्रवाई उनके पीएचडी प्रोग्राम्स में हेरफेर और यूजीसी के नियमों का पालन न करने के कारण की गई है।

मुख्य बिंदु:

  1. 5 साल का प्रतिबंध: इन तीनों विश्वविद्यालयों को 2025-26 से लेकर 2029-30 तक पीएचडी एडमिशन लेने से रोक दिया गया है।
  2. जांच का विस्तार: यूजीसी फिलहाल 30 अन्य विश्वविद्यालयों के डेटा की जांच कर रहा है, और यदि उनमें भी अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
  3. यूजीसी के नियम: पीएचडी के लिए प्रवेश प्रक्रिया, एंट्रेंस टेस्ट और इंटरव्यू की पारदर्शिता, सेमेस्टर समीक्षा, और थीसिस की बाहरी जांच जैसे मानकों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
  4. छात्रों को चेतावनी: यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को इन तीन विश्वविद्यालयों में नामांकन न कराने की सलाह दी है, क्योंकि इनके द्वारा दी गई डिग्री वैध नहीं मानी जाएगी।

इसका महत्व:

यह कदम उच्च शिक्षा संस्थानों को उनके पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट संदेश देता है। यूजीसी का यह एक्शन सुनिश्चित करता है कि छात्र और शोधार्थी सही संस्थानों में ही अपने शैक्षणिक भविष्य की योजना बनाएं।

यदि आपको इससे संबंधित अधिक जानकारी चाहिए या सलाह चाहिए, तो मैं मदद कर सकती हूं!

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