HMPV Virus In India: क्या है एचएमपीवी , कैसे फैलता है ये वायरस, जानें इन लोगों को ज्यादा खतरा।

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HMPV Virus In India: क्या है एचएमपीवी , कैसे फैलता है ये वायरस, जानें इन लोगों को ज्यादा खतरा।





एचएमपीवी वायरस: बढ़ती चिंता और बचाव के तरीके

भारत में सर्दी के मौसम के साथ श्वसन संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सतर्क हो गए हैं। 


पीजीआई चंडीगढ़ के डीन रिसर्च और इंटर्नल मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर संजय जैन के अनुसार, एचएमपीवी मुख्य रूप से ठंड में फैलने वाला वायरस है और यह श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालता है।

इस लेख में हम एचएमपीवी वायरस से जुड़ी पूरी जानकारी, इसके लक्षण, प्रभाव, और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

एचएमपीवी वायरस क्या है?

एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालने वाला एक वायरस है, जो पैरामाइक्सोविरीडे परिवार से संबंधित है। 

पहली बार इसकी पहचान 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने की थी। हालांकि, अध्ययनों में यह पाया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से मौजूद है।

यह वायरस इंसानों में खांसी, छींक या संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क के माध्यम से फैलता है। यह एक मौसमी संक्रमण है, जो मुख्य रूप से सर्दियों के दौरान अधिक सक्रिय होता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में यह पूरे साल भी पाया गया है।

एचएमपीवी के लक्षण

एचएमपीवी के लक्षण आमतौर पर इन्फ्लूएंजा या सामान्य फ्लू जैसे होते हैं। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

  1. प्रमुख लक्षण

    • खांसी
    • बुखार
    • गले में खराश
    • सर्दी
    • सांस लेने में दिक्कत
  2. गंभीर मामलों में

    • ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों की नलियों में सूजन)
    • निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना)
    • गले और श्वास नली में रुकावट, जिससे सीटी जैसी खरखराहट की आवाज आ सकती है।

इन लक्षणों का प्रभाव आमतौर पर 3-5 दिनों तक रहता है। लेकिन कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में यह संक्रमण अधिक गंभीर हो सकता है।

किन लोगों को ज्यादा खतरा है?

एचएमपीवी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन कुछ वर्गों में इसका खतरा ज्यादा होता है:

  1. बच्चे

    • छोटे बच्चों में, विशेष रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, यह वायरस तेजी से फैलता है।
    • बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है।
  2. बुजुर्ग

    • 60 साल से ऊपर के लोगों में इस वायरस का प्रभाव अधिक देखा गया है।
    • उनके फेफड़े और इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।
  3. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग

    • जिनकी इम्यूनिटी किसी बीमारी या दवा के कारण कमजोर है, वे इस वायरस की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
    • कैंसर, एचआईवी/एड्स, या किडनी ट्रांसप्लांट वाले मरीज विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं।

एचएमपीवी बनाम कोविड-19

एचएमपीवी और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक मिलते-जुलते हैं, जैसे कि बुखार, खांसी, और सांस लेने में परेशानी। लेकिन इन दोनों में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं:

  1. मौसमी बनाम गैर-मौसमी

    • कोविड-19 हर सीजन में फैलता है, जबकि एचएमपीवी मुख्य रूप से सर्दियों के दौरान सक्रिय होता है।
  2. गंभीरता

    • कोविड-19 ने महामारी का रूप लिया और इसका प्रभाव वैश्विक था।
    • एचएमपीवी अपेक्षाकृत कम खतरनाक है और आमतौर पर केवल कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
  3. जांच और निदान

    • कोविड-19 के लिए व्यापक परीक्षण और टीके उपलब्ध हैं।
    • एचएमपीवी के लिए फिलहाल कोई विशेष टीका उपलब्ध नहीं है, और इसका निदान मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

बचाव के उपाय

एचएमपीवी से बचाव के लिए जरूरी है कि हम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कुछ सामान्य एहतियात बरतें।

  1. हाथ धोना

    • नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोना संक्रमण से बचाव का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
  2. मास्क पहनना

    • भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
    • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
  3. साफ-सफाई का ध्यान रखें

    • संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई चीजों को छूने के बाद हाथ धोएं।
    • सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
  4. भीड़ से बचें

    • विशेष रूप से सर्दियों के दौरान, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  5. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें

    • जिन लोगों को खांसी या बुखार हो, उनके संपर्क में आने से बचें।
  6. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

    • संतुलित आहार लें और इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
    • पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें।

    • एचएमपीवी का इलाज

एचएमपीवी के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को प्रबंधित करने पर केंद्रित है:

  1. हल्के मामलों में

    • आराम करें।
    • खूब पानी पिएं।
    • बुखार और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
  2. गंभीर मामलों में

    • यदि सांस लेने में कठिनाई हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
    • गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।


विशेषज्ञों की सलाह

पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने लोगों से डरने की बजाय सतर्क रहने की अपील की है। 

उन्होंने कहा है कि इन्फ्लूएंजा और एचएमपीवी जैसे संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का पालन करना जरूरी है।


उन्होंने यह भी बताया कि एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि तो देखी गई है, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं है जितना कोविड-19 था।

निष्कर्ष

एचएमपीवी वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला एक सामान्य मौसमी संक्रमण है। हालांकि, यह कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है।

इस वायरस से बचने के लिए स्वच्छता का पालन करना, भीड़भाड़ से बचना, और मास्क पहनना जैसे उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। 

इसके साथ ही, संक्रमित होने पर घबराने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें और लक्षणों का सही ढंग से इलाज करवाएं।

एचएमपीवी को लेकर सतर्क रहना और जागरूकता फैलाना ही इस संक्रमण के प्रभाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।




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