हरियाणा के 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से बड़ा झटका लगा है। नायब सैनी सरकार ने बिजली पर लगने वाले फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को साल 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है।
अब प्रदेश के लोगों को बिजली बिलChoptaPuls News : चंडीगढ़: हरियाणा के 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देते हुए नायब सैनी सरकार ने बिजली पर लगने वाले फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को 2026 तक बढ़ा दिया है।
अब प्रदेश के लोगों को बिजली बिल पर प्रति यूनिट 47 पैसे FSA का भुगतान करना होगा। जो उपभोक्ता 200 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करेंगे, उन्हें 94.47 रुपये तक अतिरिक्त देना पड़ेगा।
डिफॉल्टिंग अमाउंट की भरपाई के लिए फैसला
सरकार ने यह कदम बिजली निगम पर बढ़ते डिफॉल्टिंग अमाउंट की भरपाई के लिए उठाया है। पहले FSA को बिजली निगम के मुनाफे में आने पर खत्म कर दिया गया था। लेकिन अप्रैल 2023 में घाटा होने के कारण इसे फिर से लागू किया गया और अब इसे 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
200 यूनिट तक FSA से छूट
हालांकि, 200 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को FSA से छूट दी गई है। जिनका बिजली बिल 200 यूनिट या उससे कम है, उन्हें यह अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। लेकिन अगर बिजली खपत 200 यूनिट से एक भी यूनिट ज्यादा हुई, तो FSA लागू होगा।
पिछले राहत उपाय
2024 में हरियाणा सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए मासिक शुल्क माफ कर दिया था। 2 किलोवाट तक के मीटर वाले उपभोक्ताओं को केवल अपने उपभोग का बिल भरना पड़ रहा था। पहले बिजली विभाग 115 रुपये प्रति किलोवाट मासिक शुल्क लेता था। इस फैसले से करीब 9.5 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला था।
बढ़ते बिजली बिल से उपभोक्ताओं पर दबाव
बढ़ते FSA के कारण बिजली उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। सरकार के इस फैसले से जहां एक ओर बिजली निगम को घाटे से उबारने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता इसे अतिरिक्त बोझ के रूप में देख रहे हैं।
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