जानें कब हैं , षठतिला एकादशी : व्रत, मुहूर्त, विधि और कथा

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जानें कब हैं , षठतिला एकादशी : व्रत, मुहूर्त, विधि और कथा

      


षठतिला एकादशी कब है?
षठतिला एकादशी 2025 में 25 जनवरी, शनिवार को मनाई जाएगी। यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।

षठतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त

  • तिथि प्रारंभ: 24 जनवरी, शाम 7:25 बजे
  • तिथि समाप्त: 25 जनवरी, रात 8:31 बजे
  • पारण का समय: 26 जनवरी, सुबह 7:12 से 9:21 बजे तक

षठतिला एकादशी व्रत विधि

  1. प्रातः काल स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
  2. व्रत के दौरान तिल का विशेष महत्त्व है। तिल का सेवन, दान, और तिल से स्नान करना शुभ माना जाता है।
  3. दिनभर व्रत रखें और रात में भगवान विष्णु की आराधना करें।
  4. अगले दिन द्वादशी तिथि पर स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
  5. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अन्न व तिल का दान करें। इसके बाद ही स्वयं अन्न ग्रहण करें।

षठतिला एकादशी की कथा
प्राचीन समय में एक ब्राह्मण स्त्री भगवान विष्णु की भक्त थी, लेकिन वह दान-पुण्य नहीं करती थी। एक दिन भगवान विष्णु ने भिक्षुक का रूप धरकर उससे भिक्षा मांगी, और उसने उन्हें मिट्टी का ढेला दे दिया। दान के अभाव में मृत्यु के बाद उसकी कुटिया खाली मिली।

भगवान विष्णु ने उसे बताया कि केवल पूजा से पुण्य अधूरा है, दान भी आवश्यक है। उन्होंने उसे षठतिला एकादशी व्रत के महत्व को समझाया। व्रत रखने और तिल व अन्न का दान करने से उसकी कुटिया में अन्न भर गया।

इसलिए षठतिला एकादशी व्रत का पालन करने से पापों का नाश होता है और वैभव व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस दिन क्या करें?

  • तिल का उपयोग करें: तिल से स्नान, तिल का सेवन, तिल का दान और तिल के जल का उपयोग विशेष रूप से करें।
  • भगवान विष्णु का पूजन करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को तिल व अन्न का दान करें।

षठतिला एकादशी का व्रत आपके जीवन में शुभता, सुख-समृद्धि और शांति लाने वाला होता है।

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