इस बार 21 जनवरी को कालाष्टमी का व्रत मनाया जाएगा । कालाष्टमी का व्रत विशेष रूप से कालभैरव की पूजा के लिए किया जाता है, जो जीवन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने, आर्थिक समृद्धि लाने और मानसिक शांति देने के लिए प्रसिद्ध हैं।
इस दिन की पूजा से व्यक्ति को मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सौभाग्य का वास हो सकता है। यदि आप इस व्रत को रखने का विचार कर रही हैं, तो यहां कुछ प्रमुख निर्देश दिए गए हैं:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्धता का ध्यान रखें।
- साफ और सात्विक वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और वहां दीपक जलाएं।
- पूजन सामग्री: काले तिल, सिंदूर, काले फूल, मखाना आदि का उपयोग करें।
- मंत्र जप करें: "ऊं कालभैरवाय नमः" या "ऊं ह्लीं कालभैरवाय नमः" का जाप करें।
- भोग अर्पित करें: ताजे फल, मिठाई आदि चढ़ाएं और प्रसाद भक्तों में वितरित करें।
- यदि संभव हो, कालभैरव के मंदिर में जाकर पूजा करें।
कालाष्टमी के व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करना बेहद लाभकारी माना जाता है।
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