मौनी अमावस्या 2025 के दिन कई शुभ योग बनने से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। 29 जनवरी 2025 को आने वाली इस अमावस्या पर त्रिवेणी योग, मालव्य राजयोग, शश राजयोग और बुधादित्य राजयोग जैसे शुभ योग बनेंगे। इन शुभ संयोगों में स्नान, दान और पितरों का तर्पण करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
मौनी अमावस्या पर मुख्य शुभ योग:
- त्रिवेणी योग: सूर्य, चंद्र और बुध मकर राशि में स्थित होकर त्रिवेणी योग बनाएंगे।
- मालव्य राजयोग: शुक्र के मीन राशि में होने से यह राजयोग बनेगा।
- शश राजयोग: श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा के होने से शश राजयोग रहेगा।
- बुधादित्य राजयोग: सूर्य और बुध के साथ होने से यह योग भी बन रहा है।
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:30 से 6:22 तक।
- लाभ चौघड़िया: सुबह 7:10 पर।
- अमृत चौघड़िया: सुबह 8:31 से 9:52 तक।
- शुभ चौघड़िया: सुबह 11:13 से 12:34 तक।
विशेष महत्व:
ब्रह्म मुहूर्त को देवताओं का समय कहा गया है। इस दौरान स्नान, दान और तर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यदि इस मुहूर्त में यह कार्य संभव न हो, तो अन्य शुभ समय में भी किया जा सकता है।
मौनी अमावस्या का महत्व:
- पितरों को समर्पित दिन: इस दिन पितरों के लिए तर्पण और दान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
- माघ मास की महत्ता: माघ मास में मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
- पुण्य प्राप्ति का अवसर: गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराने, कपड़े और धन दान करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है।
सुझाव:
इस दिन मौन रहकर ध्यान, जप और दान करने से आत्मिक शांति और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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