हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से यह स्पष्ट किया कि यदि किसी नागरिक के पास परिवार पहचान पत्र नहीं है, तो भी उन्हें आवश्यक सरकारी सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।
कोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार को दिए, ताकि नागरिकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सकें।
इस निर्णय से यह भी साफ हो गया है कि राज्य सरकार को नागरिकों की सेवा में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने से बचना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, चाहे उनके पास परिवार पहचान पत्र हो या न हो।
यह आदेश राज्य में नागरिकों के लिए एक सकारात्मक और सहायक कदम साबित हो सकता है, जो प्रशासनिक प्रक्रियाओं के दौरान कई बार अनावश्यक जटिलताओं से जूझते हैं।
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