हिंदी कहानी :इतिहास तथा पुराण ।

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हिंदी कहानी :इतिहास तथा पुराण ।

 



यह आलेख भारतीय इतिहास, पुराण और महाकाव्यों की प्राचीन परंपरा और उसमें निहित दर्शन को सुंदर रूप से प्रस्तुत करता है। इसमें रामायण, महाभारत, और पुराणों के महत्व के साथ-साथ उनके द्वारा समाज, धर्म, संस्कृति, और ब्रह्माण्ड विज्ञान पर दी गई जानकारी को विस्तार से समझाया गया है।

मुख्य बिंदु:

  1. महाकाव्य और उनका योगदान

    • रामायण: वाल्मीकि द्वारा रचित, यह महाकाव्य त्रेता युग में भगवान राम की कथा प्रस्तुत करता है।
    • महाभारत: यह द्वापर युग में रची गई, जिसमें पांडवों और कृष्ण की कथा समाहित है। इसका प्रमुख अध्याय भगवद गीता, धर्म, कर्म, और नीतिपरायणता का संदेश देता है।
  2. चार युगों की अवधारणा

    • सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलियुग। महाकाव्यों और पुराणों की कथाएँ इन युगों में विभाजित घटनाओं और आदर्शों को दर्शाती हैं।
  3. पुराण और उनकी विशेषताएँ

    • पुराण महाकाव्यों से हटकर वे कथाएँ प्रस्तुत करते हैं जो उन ग्रंथों में वर्णित नहीं हैं।
    • भागवत पुराण: विष्णु के अवतारों का वर्णन इसमें प्रमुख है।
    • संसार की उत्पत्ति, विभिन्न देवी-देवताओं, असुरों, दानवों, और गंधर्वों की कहानियाँ।
  4. ब्रह्माण्ड सृजन के सिद्धांत

    • हिरण्यगर्भ: ऋग्वेद में ब्रह्माण्ड को "स्वर्ण अंडा" से उत्पन्न बताया गया है।
    • पुरुष सूक्त: देवताओं द्वारा एक दिव्य पुरुष की बलि के माध्यम से सृष्टि का निर्माण।
    • शतपथ ब्राह्मण: प्रजापति के दो रूपों से विभिन्न प्रजातियों का जन्म।
  5. त्रिमूर्ति का वर्णन

    • ब्रह्मा (सृजनकर्ता), विष्णु (संरक्षक), और शिव (विनाशक) की अवधारणा।
    • ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, संरक्षण और पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी इन तीनों पर है।

ऐतिहासिक महत्व:
यह साहित्य न केवल धार्मिक ग्रंथ हैं, बल्कि नैतिकता, दर्शन, और समाज के विकास के भी गहरे प्रतीक हैं। ये हमें प्राचीन भारतीय सभ्यता की गहराई और उसकी विचारधारा को समझने का अवसर देते हैं।

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