हरियाणा के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा के विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की दुर्दशा ने न केवल विभाग की कार्यप्रणाली बल्कि सरकार की नीतियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दो महीने पहले बनी धांसू-धिकताना सड़क के टूटने और रातोंरात किए गए पैचवर्क ने घटिया निर्माण कार्य की पोल खोल दी है। यह घटना न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है बल्कि विभागीय पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर भी गंभीर चर्चाओं को जन्म देती है।
घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल
नवंबर में धांसू-धिकताना सड़क के निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। मंत्री के आदेश पर निर्माण सामग्री के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे।
नियमों के अनुसार, सर्दियों के महीनों (दिसंबर-जनवरी) में सड़क निर्माण नहीं किया जाता, क्योंकि इस दौरान मौसम की स्थिति गुणवत्ता प्रभावित कर सकती है। इसके बावजूद निर्माण किया गया, जो साफ तौर पर नियमों की अनदेखी का संकेत है।
सड़क का जल्द खराब होना
यह और भी चिंताजनक है कि सड़क निर्माण के दो महीने के भीतर सड़क टूटने लगी। इसी प्रकार सातरोड़-मिर्जापुर-धांसू-जुगलान सड़क भी तीन महीने में क्षतिग्रस्त हो गई। इन घटनाओं से साफ है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई।
लीपापोती का प्रयास
समस्या का समाधान खोजने के बजाय विभाग ने रातोंरात पैचवर्क कर मामले को दबाने की कोशिश की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाया गया कि रातों-रात सड़क पर मरम्मत का काम किया गया। यह घटना विभाग के कामकाज की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़े करती है।
मंत्री की कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने घटिया निर्माण सामग्री पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की। जेई, एसडीओ और एक्सईएन को निलंबित कर दिया गया, और ठेकेदार का भुगतान भी रोक दिया गया। हालांकि मंत्री ने कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आगे ऐसी घटनाएं न हों।
मुख्य समस्याएं और सुझाव
- जवाबदेही की कमी: निर्माण कार्यों में लापरवाही के लिए ठेकेदार और अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
- गुणवत्ता नियंत्रण: निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता मानकों की सख्ती से निगरानी होनी चाहिए।
- पारदर्शिता बढ़ाना: विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सार्वजनिक जानकारी साझा करनी चाहिए।
- स्थायी समाधान: पैचवर्क जैसी अस्थायी मरम्मत के बजाय स्थायी समाधान की ओर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
पीडब्ल्यूडी विभाग की साख और जनता का विश्वास बनाए रखना बेहद जरूरी है। सड़कों का निर्माण न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि यह सरकार की कार्यक्षमता को भी दर्शाता है।
घटिया निर्माण सामग्री और लापरवाही से बनी सड़कों के कारण जनता को असुविधा झेलनी पड़ती है। इस घटना से सबक लेते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में सड़क निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुसार हों और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त न की जाए।
सरकार और विभाग दोनों की जिम्मेदारी है कि वे जनता के हितों की रक्षा करें और उनके विश्वास को कायम रखें।
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