सुबह उठकर हथेलियों के दर्शन लाभकारी, जाने

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सुबह उठकर हथेलियों के दर्शन लाभकारी, जाने

 मान्यता है कि हमारे हाथों में देवी-देवताओं का निवास होता है। सुबह उठकर हथेली दर्शन करने से इन देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

शास्त्रों के अनुसार, हाथों में कई तीर्थ भी होते हैं, जिनका दर्शन करने से पापों का नाश होता है। हथेली दर्शन करने से व्यक्ति की ग्रह दशा सुधरती है, मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस प्रकार, यह एक सरल सा साधन है जिसके माध्यम से हम अपने जीवन को सकारात्मक बना सकते हैं। इसके लिए आपको सुबह उठकर बस अपने हाथों का दर्शन करना होता है और उसके साथ कुछ खास नियमों का पालन करते हुए मंत्र का जाप करना होता है। आइए इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।


क्या है मंत्र?


माना जाता है कि जब हम सुबह उठकर तुरंत अपनी दोनों हथेली को एक साथ मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और उसका दर्शन करें, और साथ में इस मंत्र का जाप करते हैं तो पूरा दिन अच्छा जाता है।


कराग्रे वसते लक्ष्मीः

     करमध्ये सरस्वती ।

करमूले तु गोविन्दः

    प्रभाते करदर्शनम् ॥


यह श्लोक हमारे हाथों के अग्रभाग में माता लक्ष्मी, मध्य भाग में माता सरस्वती और मूल भाग में भगवान विष्णु के निवास होने का वर्णन करता है। सुबह उठकर इनका दर्शन करने का अर्थ है कि हम इन देवताओं को प्रणाम कर रहे हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। यह श्लोक हमें धन, विद्या और भगवत कृपा प्राप्त करने की कामना करता है। अर्थात यह श्लोक हमारे जीवन में धन, विद्या और आध्यात्मिक उन्नति की कामना करता है। सुबह उठकर इस श्लोक का जाप करने से व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं।


कर्म की भावना है निहित

हथेली दर्शन का मूल भाव सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं है,बल्कि यह हमारे जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।जब हम अपनी हथेलियों को देखते हैं, तो हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हम ऐसे कर्म करें जिनसे हमें धन,सुख और ज्ञान प्राप्त हो।यह हमें अपने कर्मों पर विश्वास करने और सदाचार का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही,यह हमें दूसरों की सेवा करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।


हथेली दर्शन का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह हमें भगवत चिंतन की ओर ले जाता है।जब हम अपने हाथों को देखते हैं,तो हम समझते हैं कि हमारे सभी कार्य हमारे हाथों से ही होते हैं।यह हमें पराश्रित न रहकर अपनी मेहनत से जीविका कमाने के लिए प्रेरित करता है।जब हम विश्वास के साथ अपने हाथों को देखते हैं,तो हमें यह विश्वास हो जाता है कि हमारे शुभ कर्मों में देवता भी हमारा साथ देंगे।यह हमें अपने कर्मों के प्रति जागरूक बनाता है और हमें सफलता की ओर अग्रसर करता है..!!

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