राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर पिछले सात सालों से लगे प्रतिबंध ने शिक्षकों को लंबे समय से निराश किया है।
हालांकि, अन्य विभागों में ट्रांसफर प्रक्रिया चलती रही है, लेकिन शिक्षा विभाग में इसे लेकर लगातार ठहराव बना रहा।
स्थिति की पृष्ठभूमि
राजस्थान में हर नई सरकार ट्रांसफर नीति लागू करने का वादा करती है, लेकिन इसे लागू करने में असफल रहती है।
भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही सरकारों ने शिक्षकों की इस मांग को नज़रअंदाज़ किया है। 85,000 से अधिक शिक्षकों ने पूर्व में तबादले के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी उम्मीदें अधूरी रह गईं।
वर्तमान स्थिति
- इस समय अन्य विभागों में तबादलों की प्रक्रिया चालू है और 10 जनवरी तक की समय सीमा दी गई है।
- शिक्षा विभाग में तबादलों पर प्रतिबंध अभी भी जारी है, जिससे तृतीय श्रेणी के शिक्षक काफी हताश हैं।
- शिक्षक संगठनों ने एक बार फिर तबादलों को लेकर सक्रियता दिखाई है।
- जानकारी के अनुसार, शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल जल्द ही शिक्षा मंत्री से मुलाकात करेगा, ताकि अपनी मांगों को सामने रख सके।
शिक्षकों की उम्मीदें
इस बार शिक्षकों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा और तबादलों पर प्रतिबंध हटेगा।
यदि ऐसा होता है तो हजारों शिक्षक, जो लंबे समय से अपने गृह जिलों या पसंदीदा स्थानों पर ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं, राहत की सांस ले सकेंगे।
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