महाकुंभ: 6 करोड़ के सोने से सजे 67 साल के बाबा, आभूषणों में छुपी है साधना की ताकत!

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महाकुंभ: 6 करोड़ के सोने से सजे 67 साल के बाबा, आभूषणों में छुपी है साधना की ताकत!

 




महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में साधु-संतों के विविध और अद्भुत स्वरूप हमेशा से श्रद्धालुओं और दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते आए हैं। प्रयागराज के महाकुंभ में 'गोल्डन बाबा' का आकर्षक और स्वर्ण-सज्जित रूप इस परंपरा का अनोखा उदाहरण है।

67 वर्षीय गोल्डन बाबा, जिनका असली नाम एसके नारायण गिरी है, न केवल अपने 4 किलो सोने के गहनों के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि अपनी आध्यात्मिक साधना और शिक्षा के प्रति समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं। उनके अनुसार, यह सोना केवल आभूषण नहीं है, बल्कि उनकी साधना और गुरु-श्रद्धा का प्रतीक है। हर आभूषण में उनके आध्यात्मिक जीवन की छवि और शक्ति जुड़ी हुई है, जो उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।

गोल्डन बाबा का कहना है कि उनका सोने से सजा व्यक्तित्व दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि यह धर्म, अध्यात्म, और साधना के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है। कुंभ मेले में उनके अद्वितीय रूप और व्यक्तित्व ने उन्हें श्रद्धालुओं के बीच खास पहचान दिलाई है। शिक्षा और धर्म को साथ लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का उनका दृष्टिकोण भी सराहनीय है।

इस तरह के व्यक्तित्व न केवल महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, बल्कि विविधता और प्रेरणा के प्रतीक बनकर सामने आते हैं। गोल्डन बाबा की कहानी यह दिखाती है कि भक्ति और साधना में समर्पण का हर रूप अद्वितीय और प्रेरणादायक हो सकता है।

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