सिरसा जिले में ठंड से जूझ रहे लोगों को रविवार को दो दिन बाद निकली धूप ने राहत दी। लंबे समय से जारी ठंड और धुंध भरे मौसम के बीच, सूर्यदेव ने अपनी चमक बिखेरी और वातावरण में गर्माहट का अहसास कराया। इस बदलाव का असर न केवल आमजन के जीवन पर देखा गया, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य और यात्रा क्षेत्र पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा।
मौसम में बदलाव का असर
रविवार को अधिकतम तापमान में 4.6 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो ठंड से राहत देने वाला रहा। न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन दोपहर तक सूर्य की किरणें वातावरण को गर्माने में सफल रहीं।
शनिवार रात को घने कोहरे ने पूरे जिले को अपनी चादर में लपेट लिया था, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई थी। यह स्थिति रविवार सुबह तक बनी रही, जब कोहरे की वजह से दृश्यता मात्र दो से तीन मीटर तक सीमित थी। सुबह नौ बजे के बाद हल्की हवा चलने लगी, जिससे धीरे-धीरे कोहरा छंटने लगा। दोपहर 12 बजे के आसपास सूरज ने दर्शन दिए, और इसके बाद लोगों ने ठंड से कुछ राहत महसूस की।
धूप का आनंद
धूप निकलने के बाद लोगों का मूड भी बदल गया। ठंड के कारण जो लोग घरों में दुबके हुए थे, वे बाहर निकलकर धूप का आनंद लेने लगे। पार्कों में बच्चों और बुजुर्गों की चहल-पहल देखी गई। बच्चे झूलों पर झूलते नजर आए, जबकि बुजुर्ग और युवा धूप में बैठकर आपसी बातचीत करते दिखे। ठंड के लंबे दौर के बाद धूप ने मानो पूरे जिले में नई ऊर्जा भर दी।
स्वास्थ्य पर मौसम का प्रभाव
मौसम में हो रहे बदलावों का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बुखार, गले में दर्द और जुकाम जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
बच्चा वार्ड में 15 बच्चे भर्ती हैं, जिन्हें सर्दी और उससे जुड़ी बीमारियों का इलाज मिल रहा है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भरत भूषण के अनुसार, "सर्द मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। गर्म कपड़े पहनना और ठंडी चीजों से परहेज करना बहुत जरूरी है।" उन्होंने सभी को सतर्क रहने और मौसम के अनुसार खानपान में बदलाव करने की सलाह दी।
कृषि क्षेत्र को लाभ
ठंड का यह मौसम किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले में पड़ रही सर्दी और हाल ही में हुई बारिश ने फसलों के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा की हैं।
किसानों का कहना है कि गेहूं और सरसों की फसल के लिए यह मौसम आदर्श है। ठंड से फसलों की पैदावार बेहतर होगी और फसल में बीमारियों का खतरा भी कम रहेगा। जिले में ठंड और बारिश ने फसलों के लिए एक संतुलित वातावरण तैयार किया है, जिससे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
यात्रा में दिक्कतें
हालांकि ठंड और कोहरे ने यात्रा पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला। शनिवार रात और रविवार सुबह घने कोहरे के कारण ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। हिसार से सिरसा आने वाली कई ट्रेनें देरी से पहुंचीं।
फाजिल्का एक्सप्रेस सुबह 9:45 बजे की जगह 10:05 बजे पहुंची, यानी 20 मिनट की देरी हुई।
गोरखधाम सुपरफास्ट सुबह 10:40 बजे पहुंचने वाली थी, लेकिन यह शाम 4:09 बजे पहुंची, यानी 5 घंटे 29 मिनट की देरी हुई।
श्री गंगानगर एक्सप्रेस शाम 6 बजे की बजाय रात 7:15 बजे पहुंची, यानी 1 घंटा 15 मिनट की देरी हुई।
किसान एक्सप्रेस रात 7:30 बजे की जगह रात 8:20 बजे पहुंची, जिससे यह 50 मिनट लेट रही।
इसी प्रकार, सिरसा से हिसार जाने वाली ट्रेनों पर भी कोहरे का असर पड़ा।
दिल्ली एक्सप्रेस सुबह 6:30 बजे चलने वाली थी, लेकिन यह सुबह 7:34 बजे चली, जिससे यह 1 घंटे लेट रही।
गोरखधाम सुपरफास्ट दोपहर 3:20 बजे चलने वाली थी, लेकिन यह चल ही नहीं पाई।
लोगों के लिए सलाह
डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने लोगों को ठंड के प्रभाव से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
गर्म कपड़े पहनें: ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े और गर्म मोजों का इस्तेमाल करें।
संतुलित आहार लें: शरीर को गर्म रखने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे सूप, अदरक और हल्दी का सेवन करें।
ठंडी चीजों से बचें: सर्दी में ठंडी और बासी चीजों का सेवन करने से बचें।
धूप का लाभ उठाएं: जब भी मौका मिले, धूप में बैठें। यह शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ विटामिन डी भी प्रदान करती है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश के आसार हैं। इससे ठंड और अधिक बढ़ सकती है। हालांकि, यह बारिश फसलों के लिए फायदेमंद होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड और बारिश का यह संतुलन फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर करेगा।
निष्कर्ष
सिरसा जिले में रविवार को धूप निकलने से लोगों को ठंड से राहत मिली। हालांकि, तापमान में उतार-चढ़ाव का स्वास्थ्य, यात्रा और दैनिक जीवन पर प्रभाव पड़ा। कृषि क्षेत्र में यह मौसम फायदेमंद साबित हो रहा है, जिससे किसानों की उम्मीदें बढ़ी हैं।
आमजन को इस मौसम में सावधानी बरतनी चाहिए। ठंड से बचने के उपाय अपनाकर न केवल बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि मौसम का आनंद भी लिया जा सकता है।
0 टिप्पणियाँ