"महाकुंभ भगदड़ हादसा: न्यायिक जांच का आदेश, 25 लाख मुआवजा और तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट"

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"महाकुंभ भगदड़ हादसा: न्यायिक जांच का आदेश, 25 लाख मुआवजा और तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट"

 



महाकुंभ में हुई भगदड़ एक बेहद दुखद और दर्दनाक घटना है, जो 2025 की महाकुंभ मेला में संगम तट पर हुई। इस घटना में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए। 


यह हादसा महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के पर्व के दिन हुआ, जब भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। प्रशासन द्वारा समय रहते राहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन तब तक बहुत कुछ नुकसान हो चुका था।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुखद बताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस हादसे की न्यायिक जांच का आदेश दिया है, और इसके लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। 


आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार होंगे, जबकि अन्य सदस्य पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डी.के. सिंह होंगे। यह आयोग घटनास्थल की गहन जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।


 मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस हादसे के कारणों की गहरी जांच की जाएगी, क्योंकि प्रशासन ने कई दौर की समीक्षा बैठकें की थीं, फिर भी यह हादसा कैसे हुआ, यह सवाल है।


सरकार ने मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया है। इसके अलावा, मुख्य सचिव और डीजीपी को हादसे के कारणों की समीक्षा के लिए प्रयागराज भेजा गया है। वे घटनास्थल का दौरा करेंगे और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।


घटना के समय, भारी भीड़ के कारण बैरीकेड टूट गए और लोग दूसरी दिशा में भागने लगे, जिससे श्रद्धालुओं पर दबाव पड़ा और भगदड़ मच गई। प्रशासन ने तत्परता से राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल भेजा, लेकिन 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी थी। 



मृतकों में कुछ लोग कर्नाटक, असम और गुजरात जैसे विभिन्न राज्यों से थे। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया, जिससे गायब लोगों के बारे में जानकारी मिल सकी।


डीआईजी वैभव कृष्ण ने मीडिया से इस घटनाक्रम की जानकारी दी और बताया कि इस दिन कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं था, ताकि भीड़ पर दबाव ना पड़े। फिर भी इस तरह का हादसा हो गया। 


उन्होंने कहा कि हादसे के दौरान कुछ लोग संगम पर लेटे हुए थे और उन पर भी भीड़ चढ़ गई, जिससे यह दुर्घटना और भी भयंकर हो गई।


घायलों में से कुछ को अस्पताल में इलाज मिल रहा है, और प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बताया है। मुख्यमंत्री ने संतों और अखाड़ों से भी अपील की थी कि अमृत स्नान को कुछ देर से किया जाए, ताकि भीड़ की स्थिति नियंत्रण में रहे। 


सभी संतों ने उनकी बात मानी, और स्नान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

इस हादसे के बाद, बेलगावी शहर से कर्नाटक के चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कांग्रेस विधायक आसिफ सैत ने इस घटना के बारे में जानकारी दी और मृतकों के परिवारों को आर्थिक मुआवजे की अपील की।


इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन को भले ही सभी तैयारियों का ध्यान रखा हो, लेकिन भीड़ नियंत्रण के लिए और बेहतर उपायों की आवश्यकता थी। 


यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि किसी भी बड़े आयोजन के दौरान लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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