प्रयागराज महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या पर अद्वितीय जनसैलाब।

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प्रयागराज महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या पर अद्वितीय जनसैलाब।

 




प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या का दिन एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। इस पावन अवसर पर साढ़े सात करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य स्नान किया, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व घटना रही। 


यह संख्या इतनी विशाल थी कि कई देशों की कुल आबादी से अधिक हो गई।


विश्व के कई देशों से अधिक भीड़

अगर हम जनसंख्या के आंकड़ों पर नज़र डालें, तो मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में उपस्थित जनसंख्या यूरोप, एशिया और दक्षिण अमेरिका के कई देशों की आबादी से अधिक थी। उदाहरण के लिए, स्पेन (4.7 करोड़), ब्रिटेन (6.91 करोड़), और फ्रांस (6.65 करोड़) की कुल जनसंख्या भी इस दिन प्रयागराज में आए श्रद्धालुओं से कम थी।


दक्षिण अमेरिका के 54 देशों में से केवल तीन—अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको—ही ऐसे रहे, जिनकी जनसंख्या मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में उपस्थित भीड़ से अधिक थी। कोलंबिया, अर्जेंटीना, कनाडा, उरुग्वे जैसे देशों की कुल आबादी भी इस एक दिन की श्रद्धालु संख्या से कम थी।


भारत और विश्व में अभूतपूर्व आयोजन

भारत के लिए यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति, आस्था और समर्पण का संगम है। अगर हम प्रयागराज जिले की कुल जनसंख्या (72 लाख) को भी इसमें जोड़ दें, तो मौनी अमावस्या के दिन यह आंकड़ा साढ़े आठ करोड़ से अधिक पहुंच गया, जो जर्मनी (8 करोड़) की कुल जनसंख्या के बराबर था।


एशिया के कुल 51 देशों में से केवल 10 देशों की जनसंख्या इस दिन प्रयागराज में मौजूद श्रद्धालुओं से अधिक थी। इनमें चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, जापान, फिलीपींस, वियतनाम, ईरान, और तुर्किये शामिल हैं।


 यह दर्शाता है कि महाकुंभ का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक आयोजन बन चुका है।


जनसंख्या घनत्व में नया रिकॉर्ड

अगर जनसंख्या घनत्व की बात करें, तो सामान्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में यह 4 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। वहीं, मौनी अमावस्या पर प्रयागराज का जनसंख्या घनत्व 15,000 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से अधिक हो गया था। यह किसी भी बड़े शहर या देश की तुलना में कहीं अधिक है।

महाकुंभ: आस्था और आयोजन का अद्भुत संगम

महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। 


इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की व्यवस्था, सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे प्रयागराज प्रशासन और सरकार ने कुशलता से संभाला।

निष्कर्ष

मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में उपस्थित श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह आयोजन धार्मिक आस्था, भारतीय संस्कृति और कुशल प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण है। महाकुंभ 2025 ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में अपनी भव्यता का परिचय दिया है।

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