प्रयागराज के संगम तट पर 28 जनवरी की रात मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 50 लोग घायल हो गए।
यह हादसा उस समय हुआ जब लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, और स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान भीड़ अचानक बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ लोग फिसलकर गिर गए और उन्हें कुचलकर कई अन्य श्रद्धालु भी गिर गए। भारी भीड़ के कारण राहत कार्य में शुरूआत में कठिनाई आई, लेकिन प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत स्थिति को संभाल लिया।
निरंजनी अखाड़े ने रोका स्नान जुलूस
महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद अखाड़ों ने भी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्नान जुलूस रोक दिया। निरंजनी अखाड़े ने सबसे पहले अमृत स्नान स्थगित करने का फैसला लिया, जिसके बाद अन्य अखाड़ों ने भी इसी तरह की सावधानी बरती।
इस घटना के बाद अखाड़ों के संतों और महंतों ने प्रशासन से बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने प्रशासन को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए और मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाए।
राहत और बचाव कार्य जारी
प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मौके पर मौजूद पुलिस और अन्य बचाव दल लगातार स्थिति को नियंत्रित करने में लगे हुए हैं।
भविष्य में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत
इस घटना के बाद महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लाखों श्रद्धालुओं के बीच भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े इंतजाम किए जाने चाहिए थे।
प्रशासन अब इस घटना की जांच कर रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा योजनाओं पर पुनर्विचार कर रहा है।
श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन श्रद्धालुओं को भी धैर्य बनाए रखना होगा।
यह हादसा महाकुंभ के इतिहास में एक और दुखद अध्याय जोड़ गया है। उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन और श्रद्धालु मिलकर बेहतर प्रयास करेंगे।
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