Sociology: शहरीकरण एक चालू दृश्य घटना है जिसका अर्थ शहरी वस्तुतः शहरी बन जाने, शहरों का स्थानातरण हो जाने , कृषि से शहरों में आम अन्य पेशो, जैसे व्यापार , विनिर्मा ण , उद्धोग एवं प्रबंधन की और चले जाने और व्यवहार परातेमान के अनुकूल परिवर्तनों संबंधी प्रक्रिया हैं ।
यह अंत संबंधों की उस सपूर्ण व्यवस्था में विस्तार की प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई जनसमुदाय स्वंय को अपने वास -स्थान में कायम रखता हैं । शहरी जनसंख्या की वृद्धि का सबसे महत्त्वपूर्ण आयाम हैं । शहरीकरण हमारे वर्तमान जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
भारत में शडरीकरण की पृष्ठभूमिः भारत में स्थानिक एवं अस्थायी विच्छिन्नताओं के साथ शहरीकरण का एक लंबा इतिहास रहा है।
सिंधु घाटी में शहरीकरण का प्रथम चरण 2350 ईसा पूर्व हड़प्पा सभ्यता से जुड़ा हुआ है। मोहनजोदड़ों एवं हड़प्पा नामक हड़प्पा दो शहर हड़प्पा संस्कृति में हुए शहरी विकास के चरमोत्कर्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह महान शहरी सभ्यता । 500 ईसा पूर्व समाप्त हो गई, संभवतः आर्यों के आगमन के पश्चात्।
भारत में शहरीकरण का दूसरा दौर 600 ईसा पूर्व शुरू हुआ। इस दौर के स्थापत्यविद उत्तर में आर्य और दक्षिण में द्रविड़ ।
इस कालावधि पश्चात् लगभग 2500 वर्षों तक, भारत में शहरीकरण का कमोबेश सतत् इतिहास रहा। इस काल में प्रारंभिक ऐतिहासिक र बनना देखा गया और संख्या एवं आकार में शहरों की वृद्धि भी, खासकर मौर्य एवं काल में।
मुगल काल भारत में शहरीकरण की एक दूसरी खास पहचान रहा है. जबकि भारत के अनेक शहर स्थापित हुए। ब्रिटिश शासन को शुरुआती दौर में भारतीय शहरीकरण के गिरावट देखी गई। इस काल में शहरों के पतन हेतु उत्तरदायी मुख्य कारण रहेः
(1) भारत की संपन्नता एवं आर्थिक विकास में अंग्रेजों की और रुचि का अभाव और
(2) इंगलेंड में औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात ।
ब्रिटिश शास न के उत राध में भारतीय शहरों ने अपना कुछ विगत महत्व फिर से प्राप्त कर लिया , इसके अतिरिक्त अंग्रेजों ने अनेक एवं शहरों को जन्म दिया ,जो की विद्यामान शहरों में नवीनतर शहरी स्वरूपों को सामने लाने के अतिरिक्त थी ।
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