Sociology: सामाजिक आंदोलनों के प्रकार (Types of Social Movements)

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Sociology: सामाजिक आंदोलनों के प्रकार (Types of Social Movements)

         



सामाजिक आंदोलन संधी अभिव्यक्ति होते हैं। सामाजिक समर्थ अनिवार्य रूप से एक परस्पर क्रियात्मक संकल्पना है। 



संघर्ष एक ऐसी अवधारणा है जो एक से अधिक अभी में प्रयुक्त होती  आई है। अत कुछ लोग पीदियों के मध्य विचारों की भिन्नता या मतमेव को संघर्ष कहते हैं.


तो  कुछ लोग औद्योगिक संघर्ष की बाते करते हैं तो कुछ लोग राजनीतिक दलों के बीच स्वारथों की टकराहट को संघर्ष कहते है। सामाजिक आदोलन दो भिन्न प्रकार से विभाजित होते हैं. 




प्राचीन तथा नवीन। नवीन आंदोलन जो पुनः विभिन्न उप प्रकारों में उपविभाजित हो जाते हैं। ये बहिष्कारवादी तथा  समावेशवादी प्रकार के नवीन सामाजिक आदोलन थे। 



समकालीन सघर्ष जैसे प्रति नस्लवाद, निरस्त्रीकरण, महिलावादी तथा पर्यावरणवादी आंदोलन वर्ग संघर्ष नहीं है इन आंदोलनों के अंत र्गत समूहन वर्ग समूहन नहीं होते, बल्कि इसका निर्धारण भौतिकवादी सीमा से अलग होता है। सघर्ष सहयोग का ही एक पहलू है।




 दो समूहों के सदस्यों के जैच आतरिक सहयोग होता है, सामाजिक संघर्ष के प्रकार, जिसके अतर्गत सामूहिक हित का प्रतिस्पर्धात्मक प्रयास, सामाजिक, राज नीतिक पहचान का पुनर्निर्माण आदि है। सामाजिक संघर्ष समांग परिघटना नहीं होते हैं। 




उनकी विभिन्न श्रेणियों तथा प्रकारों में विभाजित होने तथा विभिन्न रूप लेने की प्रकृति होती है क्योंकि संघर्ष विरोधी सामूहिक क्रियाओं तथा उनके प्ररूपों में स्थित होते हैं। 




प्रस्तुत इकाई में सामाजिक संघर्ष  की प्रकृति तथा प्रकार का वर्णन किया गया है। साथ ही इसमें वर्गीकरण की सार्थकता को सामाजिक सच्चाइयों को समझाने की, उनकी क्षमता तथा कुशलता में सहायक होने से परिभाषित किया गया हैं ।



 इसमें सामाजिक आंदोलनों का वर्गीकरण तथा बहुरूपता की समस्या तथा सामाजिक आंदोलन के नवीन तथा सामाजिक आंदोलनों का विस्तार से अध्यन किया गया हैं । अतः यह इकाई इन सभी मुद्दों पर आधारित हैं । 

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