राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को रोचक ढंग से पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डिंग डाइट में टीजीटी अंग्रेजी व हिंदी के शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ है। शिविर में जिले के हिंदी शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं।
वहीं डबवाली, ओढां, बड़ागुढा व ऐलनाबाद के टीजीटी अंग्रेजी के शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं।
शिविर में 6 मास्टर हिंदी और अंग्रेजी के 150 शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। प्रशिक्षण प्रभारी चंद्र प्रकाश व सोमप्रकाश ठकराल ने कहा कि शिक्षा संस्कृति के हस्तांतरण, संरक्षण तथा संवर्धन का प्रमुख साधन है।
अत: किसी भी देश की शिक्षा वहां की संस्कृति के संदर्भ में ही समझी जा सकती है। शिक्षा की प्रक्रिया में अध्यापक एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है।
क्योंकि वही हमारी संतति के भविष्य का संरक्षक वाकर मानकों को वान, शिक्षक को अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाने वाला एक ज्ञानरूपी प्रकाश दिखाकर मानवता के पथ को आलोकित करने वाला कहा गया है।
यह दिया जा रहा प्रशिक्षण : शिक्षकों को अंग्रेजी-हिंदी की व्याकरण, कविताएं व अन्य पाठ्यक्रम को सरल भाषा में विद्यार्थियों को सिखाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अकसर विद्यार्थियों की अंग्रेजी में रुचि कम होती है। अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि शिक्षकों को विद्यार्थियों को अंग्रेजी सरल भाषा में कैसे समझानी इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हिंदी विषय में भी व्याकरण संबंधी व शुद्ध हिंदी का प्रयोग करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अब मास्टर ट्रेनर इन सभी मुश्किलों का समाधान शिक्षकों को बता रहे हैं।
डिंग डाइट में पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर में हिंदी व अंग्रेजी शिक्षकों को सरल भाषा में विद्यार्थियों को किस प्रकार से अंग्रेजी व हिंदी विषय में पढ़ाना है सिखाया जा रहा है।
जिसमें जिलेभर से करीब 150 शिक्षक ट्रेनिंग ले रहे हैं। इससे पहले मास्टर ट्रेनर गुरुग्राम से ट्रेनिंग लेकर आए हैं। - सुरेंद्र नुनियां, डाइट प्रभारी, डिंग डाइट।
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