सिरसा। जिले में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री पहुंच गया है। रात के समय तापमान जमाव बिंदू की ओर बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों में तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।
ऐसे में सूरज ढलने के साथ ही लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है। वहीं, सुबह के समय धूप भले ही निकलती है।
लेकिन सर्द हवाओं के कारण मौसम में ठंडक बनी रहती है। चिकित्सकों के अनुसार सूखी ठंड सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरनाक है। दोनों को ठंड के मौसम में घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
हालांकि अभी तक भी न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 18 डिग्री का अंतर देखने को मिल रहा है।
जो लोगों को बीमार करने का मुख्य कारण बन रहा है। हल्की सी लापरवाही के कारण लोग बुखार, खांसी, जुकाम व गला खराब की चपेट में आ रहे है। नागरिक अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही है।
इतना ही नहीं, धूप निकलने के बाद ही नागरिक अस्पताल में मरीज पहुंच रहे है ताकि सर्द मौसम के कारण और ज्यादा बीमार न हो।
आईएमडी के अनुसार आगामी दो तीन दिनों में तापमान में गिरावट बनी रहेगी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री दर्ज किया गया।
जबकि सोमवार को अधिकतम तापमान 24.2 और न्यूनतम 3.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। दो दिनों में तीन डिग्री की न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है और 4 डिग्री के करीब अधिकतम तापमान में गिरावट आई है।
अब चलेगी शीत लहर
आईएमडी के अनुसार आगामी तीन दिनों तक निरंतर शीतलहर चलेगी। शीतलहर के कारण दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी।
इस कारण आमजन जीवन प्रभावित होगा। आमजन के साथ पशुओं पर भी शीतलहर का प्रभाव देखने को मिलेगा। आंकड़ों के अनुसार सर्द मौसम में सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं की मौत कई गुणा बढ़ जाती है।
अनुमान अनुसार एक माह में 50 पशु प्रतिमाह की औसत रहती है।
बच्चों को सूखी ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए। कई लेयर में गर्म कपड़े पहनाने चाहिए।
जिससे बच्चों को ठंड न लगे। ठंडा पानी या ठंडी चीज पीने के लिए न दें। यदि कोई तकलीफ होने पर नजदीक डॉक्टर को दिखाये। किसी प्रकार की लापरवाही न बरते।
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