संजातीयता की अवधारणा (Conceptualising Ethnicity) पर टिप्पणी करें ।

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संजातीयता की अवधारणा (Conceptualising Ethnicity) पर टिप्पणी करें ।

 


  


संजातीयता की अवधारणा (Conceptualising Ethnicity)शब्द ग्रीक शब्द इथनॉस से लिया गया है। इसका तात्पर्य ऐसी स्थितियों से होता है जहाँ   मानव समूह साथ-साथ रहते और काम करते हैं।



 कुछ समाजशास्त्रीय एवं विचारको का   मानना    है कि वर्ग और संजातीयता में समानता है। वर्ग का सिद्धांत देने वाले विचारक दूसरों द्वारा किए जाने वाले शोषण को मजबूत करने का एक साधन मानते हैं।


Sociology: पहचान का निर्माण (Construction of Identities)



 ठीक इसी प्रकार संजातीयता की में सहयोग करने वाले संजीताय चेतना को विकसित करने वाले संयुक्त अनुभवों पर ध्यान    देते    हैं। 



मानवशास्त्र और समाजशास्त्र में इस शब्द का प्रयोग 1970 के आरभिक वर्षों में हुआ था ।  सजातीयता पर बहुत सारे अध्ययन हुए है और इन अध्ययनों में कुछ कमियों भी रही है।



  संजातीयता   का विश्लेषण सामाजिक व्यक्ति की परिस्थिति को समझने के साथ प्रारंभ होता है। समाजिक व्यक्तियों को संघर्ष और सहयोग की स्थिति में अपनी पहचान निर्धारित करने को कहा जाता है। संजातीय पहचान प्राप्त होने वाले रूप का निर्धारण इस विचार के आधार पर किया जाता ।।



 इस  इकाई में हम वर्ग संजाति संजातीयता के प्रारूप यांत्रिक प्रारूप, निर्माणवादी प्रारूप का  अध्यन   करेंगे तथा प्रजाति और संजाति में संबंध पर प्रकाश डालेंगे। इस इकाई में संजातीयता की अव धारणा तथा उसके प्रारंभिक दृष्टिकोण, उपकरणात्मक दृष्टिकोण तथा निर्माण का विस्तार से अध्ययन करेंगे।

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