महाशक्ति के रूप में आधुनिकता को वर्णित करें ।

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महाशक्ति के रूप में आधुनिकता को वर्णित करें ।

 





वर्तमान समय में आधुनिकता जीवन और समाज के सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर चुकी हैं तथा इन सबको प्रभावित कर रही हैं । वास्तव में आज आधुनिकता एक   महाशक्ति के रूप में   समाज  के सामने आई हैं । गिद्दन का नजरिया हैं कि समाज    उत्तरआधुनिक विश्व में प्रवेश कर चुका   है। 



इस   प्रकार  आधुनिकता     ने पहले की व्यवस्थाओं की तुलना में अपनी गति परिवर्तन  की  गुढता को   फैलाया है। इसके अलावा परिवर्तन   का पथ   रैखिक    नहीं है , जो  कि  क्र मबद्ध हो। गिड्डन के लिए आधुनिकता से आशय हैं :


पूंजीवाद 

उद्ध्होग वाद 

निगरानी कार्यक्रम एवं गतिविधियां 

सैन्य शक्ति



गिडडन    के सं रचनात्मक सिद्धांत और इसके बुनियादी घटक आधुनिकता को पर्याप्त रूप     से व्यक्त करते है। ये तत्व  है:


समय और जगह के बीच का फासला


विषयवस्तु को अपने संदर्भ से बाहर निकालना


परावर्तकता (सामाजिक चितन)


जहाँ पूर्व-आधुनिक समाजों में समय और दूरी पूरी तरह अत संबद्ध थे। वहीं आधुनिकत के उदय के साथ इन दोनों के बीच का गहरा संबंध खत्म हो गया और यह अंत संबंध अत्यंत पुर्बल पड़ गया और अब जहाँ तक कि आधुनिकता का संबंध है यह तथ्य विशेषज्ञ महत्व रखता है।


संगठनों एवं नौकरशाही के निर्माण में यह दूरी सहायक होती है और राष्ट्र राज्य को संभव बनाती है जो कि अंतर्राष्ट्रीय है अर्थात् स्थानीय एवं वैश्विक क्षेत्रों को जोड़ना अब संभव हो गया है।



 इस तरह आधुनिक समाज इतिहास की देन है और यह उस संदर्भ को लेकर वर्तमान को प्रभावी बनाता है। इस तरह समय और जगह के बीच की दूरी आधुनिकता के गिड्डन कारकों के दूसरे सिद्धांत विषयवस्तु को संदर्भ से बाहर निकालने को संभव बनाती है। 



यह अपने आप में ऐसी प्रक्रिया है जो स्थानीय संदर्भ से कुछ ऊपर की प्रक्रिया है। समय और जगह के बीच की दूरी के साथ यह स्वयं को पुन गठित कर रही है। गिड्डन के अनुसार डिस् अम्बैडिंग कारको की दो किस्में हैं:


सांकेतिक चिह्न जैसे धन। यह समय और स्थान के बीच की दूरी को भरता है और ऐसे लोगों के साथ धन संबंधी लेन/देन को सभव बनाता है जो एक दूसरे से काफी दूरी पर है।



पेशेवर विशेषज्ञता की पद्धतियों। ये काफी उपयोगी है क्योंकि वातावरण को सृजित करने में ये सहायक होती हैं। ऐसे विशेषज्ञों (पेशेवरों) में चिकित्सक एवं वकीलों का समावेश है। अन्य विशेषज्ञ रोजाना की वस्तुओं एवं यहाँ तक कि संपत्ति को भी प्रभावित करते हैं। 



ऐसे विषय विशेषज्ञ समय और जगह के बीच की दूरी को भरते है। लेकिन भरोसे जैसी चीज सिर्फ आधुनिक समाज के लिए ही अत्यावश्यक नहीं है क्योंकि सांकेतिक चिह्न और विषय विशेषज्ञ आधारित पद्धतियों समाज को अपने संदर्भ से बाहर निकाल कर आधुनिक विश्व में ले जाते हैं।


अतः वित्तीय लेन-देन और विधिक पद्धति पर आधारित अर्थव्यवस्था कारगर है क्योंकि यो को इसमें मरोसा है। आधुनिकता की अन्य बुनियादी विशेषता है सामाजिक चिंतन की पटना। 



अतः सभी सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक पहलुओं, प्रक्रमों, घटनाओं आदि पर पुनः बोद्रित करने की जरूरत है और इन्हें बेहतर तरीके से समझने की जरूरत है और इसे गतिविधि मानना है जो परिघटना के भावी विकास को प्रभावित करती है। विषयवस्तु को जाने संदर्भ से बाहर निकालने का अर्थ है:


भरोसे की जरूरत


विषय विशेषज्ञता पद्धति की जरूरत


गिड्डन के अनुसार बच्चों में भरोसे को सामाजिक संदर्भ में विकसित किया जाता है औ व्यवहार द्वारा पुनर्बलित किया जाता है जो कि इस आशा पर आधारित होता है कि दूस ऐसा व्यवहार करेंगे। 



हालांकि इसमें कुछ अनिश्चित कारक, जोखिम कारक, चुनौती कार से जुड़े होते हैं जिससे लोगों में सुरक्षा का अभाव उत्पन्न होता है। इस तरह परमाणु युद्ध जोखिम हमेशा बना रहता है जो कि न तो लड़े जाते हैं और न ही जीते जाते हैं।



 वैश्विक त्यानीय युद्ध में निहित जोखिम कारक है कि इससे बहुत से खतरनाक बिंदु उत्पन्न हो ग और नाभिकीय शक्ति और सैन्य निरस्त्रीकरण ऐसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे हैं जो विषय लिए सुरक्षा की भावना को बढ़ाते हैं।

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