चीजों का खोना या मिलना ग्रहों की स्थिति के
बारे में बताता है. सोने का खोना शुभ नहीं होता है, लेकिन मिलना शुभ होता है. जबकि शीशा या रुमाल का खोना शुभ नहीं होता
है.
अक्सर जाने-अनजाने लोग अपनी कई कीमती चीजें खो देते हैं. ऐसा होना एक सामान्य घटना है.
लेकिन चीजें लगातार खोने लगे तो इसके पीछे ग्रहों-नक्षत्रों की चाल भी हो सकती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति की चीजें लगातार खोने लगे तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है.
कई बार ग्रहों का खेल भी चीजें खोने के लिए जिम्मेदार होता है. आइए इसे बारीकी से
समझने का प्रयास करते हैं.
कब खोता है सामान?
ज्योतिष के अनुसार छठे, ग्यारवें और बारहवें भाव से चीजों का नुकसान देखा जाता है.
गोचर के चंद्रमा के चौथे, आठवें या बारहवें भाव में होने पर चीजों का नुकसान हो सकता है. राहु और चंद्रमा का संयोग बनने पर चीजें अचानक खो जाती हैं. अगर इसमें शनि या मंगल का संबंध होता है तो चीजें नहीं मिलती हैं.
लेकिन शुक्र,
गुरु या शुभ ग्रह इसमें होते हैं तो चीजें मिल जाती हैं. आमतौर पर
शनिवार को खोई चीजें या तो नहीं मिलती या फिर काफी देर से से मिलती हैं.
कब चीजें लगातार खोती हैं?
ज्योतिषविदों का कहना है कि अगर आपकी कुंडली में राहु, केतु या बुध की दशा हो.
या फिर शनि की साढ़ेसाती या चल रही है और आपकी राशि वृष, कन्या या मकर हो या कर्क, वृश्चिक, मीन हो तो चीजें खोने की संभावना अधिक रहती है.
इसके अलावा अगर आप का
मूलांक 02, 04, या 08 हो या फिर आपने भूरे रंग का
कुत्ता पाला हो या काले रंग की गाड़ी खरीदी हो.
सामान खोना-पाना शुभ है या अशुभ?
चीजों का खोना या मिलना ग्रहों की स्थिति के बारे में बताता है. सोने का खोना शुभ नहीं होता है, लेकिन मिलना शुभ होता नहीं होता है. लेकिन इनका मिलना शुभ होता है.
कपड़ों का खोना बिल्कुल शुभ नहीं होता है. यह किसी बीमारी का संकेत देता है. रत्नों का खोना शुभ होता है. इससे कोई बड़ी बाधा टल जाती है. किसी मांगलिक कार्य के समय शृंगार का सामान खोना आपके स्वस्थ होने का सूचक है.
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