गिगोरानी के प्रगतिशील किसान विरेंद्र सहू को हाईटेक नर्सरी को बढ़ावा देने के लिए कृषिमंत्री ने किया सम्मानित

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गिगोरानी के प्रगतिशील किसान विरेंद्र सहू को हाईटेक नर्सरी को बढ़ावा देने के लिए कृषिमंत्री ने किया सम्मानित

 


 

हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याणपशुपालन एवं डेयरी मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसान विरेंद्र सहू को सम्मानित किया

 

वर्णिका सहू फ्रूट नर्सरी गिगोरानी में तैयार उच्च क्वालिटी के सीडलैस कीन्नूमाल्टामौसमी व नींबू के पौधे बने किसानों की पहली पंसद नर्सरी में पौधे तैयार कर 12 राज्यों में भेज कर रहा कमाई

 




नाथूसरी चोपटा (सिरसा) - देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती के उपलक्ष्य में किसान दिवस मनाया गया।  हरियाणा के सिरसा जिले  के चोपटा क्षेत्र के  गांव गिगोरानी के किसान विरेंद्र सहू को हाई टेक नर्सरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया.  समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याणपशुपालन एवं डेयरी मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसान विरेंद्र सहू को सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि इस दौरान कृषि और उससे संबंधित विभिन्न व्यवसायों व अन्य उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदेश के 40 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया है।






आधुनिक खेतीराजनीति व समाजसेवा के जज्बे के साथ   किसानों के लिए प्रेरणा बन गया।  वीरेंद्र सहू द्वारा वर्णिका फ्रूट नर्सरी में तैयार पौधे आंध्र प्रदेशतेलंगानामध्य प्रदेशछत्तीसगढ़गुजरातहिमाचल प्रदेशपंजाबहरियाणाराजस्थानउत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और दिल्ली के किसान लेने के लिए आते हैं। प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सहू वर्तमान में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए समृद्धि नामक मुहिम चला रखी है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों को मुफ्त फलदार व छायादार पौधे देकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

 

23 साल पहले शुरू की बागवानी

एमए हिंदी पास किसान वीरेंद्र सहु ने बताया एमए हिन्दी तक पढने के बाद खेती पर ध्यान देना शुरू किया तो परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती करने के इरादे से साल 2003-04 में अपने 22 एकड़ भूमि में किन्नू का व 8 एकड़ में आग्रेनिक अमरूद लगाए। जिसमें अपने माता पिता का पूरा सहयोग मिला। इसी के साथ साथ कृषि विभाग से डॉ लक्ष्यवीर बैनीवाल व डीएचओ सतवीर शर्मा की पे्ररणा से परंरागत खेती के साथ साथ अतिरिक्त कमाई का जरिया शुरू होने के बाद पिछले तीन वर्षों से किन्नूमोसमी व नींबू की पौधे तैयार कर बेचने से कमाई और बढ़ गई है। उसने बताया कि वह हर रोज सुबह 5 बजे से तीन या चार घंटे बाग में पौधों की देखभाल अवश्य करता है ।  विरेंद्र सहू ने बताया कि सरकार के सहयोग से उसने खेत में एक पानी की डिग्गी भी बना ली है। उस डिग्गी में पानी इक्टठा करके रखता है जब भी सिचांई की जरूरत होती हैतभी किन्नू के पौधों व फसलों मे सिंचाई कर लेता है।  किन्नू के पौधों में जल्दी सिंचाई की जरूरत नहीं होती। वह सिंचाई ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है जिससे पानी व ,खाद व दवाई सीधे  पौधों  को मिल जाती है। तथा पानी बेकार नहीं जाता। 

महामहिम राज्यपाल बंगारू दतात्रेय ने नर्सरी में तैयार पौधों की सराहना की

प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सहू को राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा वर्णिका सहू फ्रूट नर्सरी गिगोरानी को थ्री स्टार रैकिंग दी गई है. इससे अब नर्सरी में तैयार पौधों को खरीदने पर किसानों को पूरा अनुदान मिलेगा. पिछले दिनों सिरसा दौरे के दौरान हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंगारू दतात्रेय ने नर्सरी में तैयार पौधों की सराहना की. 

सिंचाई ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है

विरेंद्र सहू ने बताया कि सरकार के सहयोग से उसने खेत में एक पानी की डिग्गी भी बना ली है। उस डिग्गी में पानी इक्टठा करके रखता है जब भी सिचांई की जरूरत होती हैतभी किन्नू के पौधों व फसलों मे सिंचाई कर लेता है।  किन्नू के पौधों में जल्दी सिंचाई की जरूरत नहीं होती। वह सिंचाई ड्रिप सिस्टम द्वारा की जाती है जिससे पानी व ,खाद व दवाई सीधे  पौधों  को मिल जाती है। तथा पानी बेकार नहीं जाता।

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तरबूज व खरबूजे को भी मिलती है सराहना

विरेंद्र सहू ने बताया कि इजराइली विधि से मलचिंग पर ताईवान कम्पनी के खरबूजा व तरबूज की बेलों पर लगे हुए खरबूजा व तरबूज को खरीदने की  तरफ काफी रूझान है। उन्होंने  बताया कि वह सब्जियां अपने खेत में ही उगाता है कभी भी बाजार से नहीं लाता। मौसम के अनुसार बैंगनघीयातोरीटमाटरलहसूप्याजगाजर इत्यादि उगा लेता है और ताजी सब्जी ही बनाता है। प्रगतिशील किसान वीरेंद्र सहू वर्तमान में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए समृद्धि नामक मुहिम चला रखी है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों को मुफ्त फलदार व छायादार पौधे देकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

मंडी दूर होने के कारण यातायात खर्च ज्यादा हो जाता है

विरेंद्र सहू ने बताया कि उसके गांव से सिरसा मण्डी  दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। उसका कहना है कि अगर फलों की मण्डी या फ्रूट प्रोसैसिंग प्लांट नाथूसरी चौपटा में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी।






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