सोमवती अमावस्या पर ये चीजें दान करने से होगी पितरों की कृपा, बनी रहेगी सुख-संपन्नता आज साल की आखिरी अमावस्या है और यह सोमवती अमावस्या है. सोमवती अमावस्या के दिन भी दान का महत्व बहुत अधिक होता है इस तिथि पर कुछ वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ व कल्याणकारी माना गया है.
शास्त्रों में कर्ण को सबसे बड़ा दानी माना जाता है, जिन्होनें अपने रक्षक कवच और कुंडल का दान कर दिया था.
महर्षि दधीचि ने तो मानव कल्याण के लिए अपनी हड्डियों तक का दान कर दिया था. इसलिए सनातन संस्कृति में दान की इतनी महत्ता मानी गई है.
सोमवती अमावस्या के दिन भी दान का महत्व बहुत अधिक होता है इस तिथि पर कुछ वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ व कल्याणकारी माना गया है. आज साल की आखिरी अमावस्या है.
सोमवती अमावस्या पर दान करें ये चीजें
सोमवती अमावस्या के दिन सफेद मिठाई, कपड़े, तिल, जूते-चप्पल, भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है.
इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध का आयोजन भी करना चाहिए. इसके बाद तिल और जल का दान किया जाता है, जिससे पितर संतुष्ट होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है.
संभव हो तो इस दिन पितृ सूक्तम का पाठ करें. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें. यह दान व्यक्ति की मानसिक शांति और समृद्धि का कारण बनता है.
यदि कोई व्यक्ति सक्षम है तो इस दिन सोने, चांदी या अन्य बहुमूल्य वस्तुओं का दान भी बहुत लाभकारी होता है. इससे जीवन में समृद्धि और सुख की प्राप्ति प्राप्ति होती है.
इस दिन लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत रखते हैं, उपवास करते हैं और दान करते हैं. चलिए अब जानते हैं कि अमावस्या का व्रत करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
सावधानियां और नियम
सोमवती अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करें. संभव हो तो घर के मुख्य द्वार पर प्रकाश की व्यवस्था करें.
अमावस्या पर बरगद के वृक्ष की पूजा जरूर करें. इससे आपकी आयु में वृद्धि होगी. अपने पाप कर्मों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें. मन में गलत विचार न आने दें.
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