लोकतांत्रिक स्वतंत्रता तथा नागरिक स्वतंत्रता का वर्णन कीजिए।

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लोकतांत्रिक स्वतंत्रता तथा नागरिक स्वतंत्रता का वर्णन कीजिए।

 


 

 


लोकतांत्रिक स्वतंत्रता:  स्वतंत्रता के आयाम के रूप में लोकतंत्र के लिए स्वतंत्रता   का आयम सरल हैं, लोकतंत्र अपने नागरिकों को निर्णय न प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर  देती है जो कानून के रूप में इनके आचरण को शामिल करती है।



 कात के लिए,  स्वायत  कार्य कानून के अनुरूप जीवन यापन करने से संबंधित है जिसे व्यक्ति ने अनुसरण करने की दृष्टि से स्वयं निर्धारित किया हैं । 



 

 

लोकतंत्र इस मॉडल का मोटा राजनीतिक सादृश्य दर्शाता  है: स्वतंत्रता कानून के अनुरूप जीवन यापन करने से संबंधित है जिसे कि सभी गरिकों पर समान रूप से लागू करने के लिए बनाया गया है।

 

 

बर्लिन का तर्क है कि लोकतंत्र उदारता से काफी मिन्न आदर्श है - महत्त्वपूर्ण निर्णय को चुनौती दे सकते हैं जैसा कि जे एस मिल का तर्क है, यह तर्क चाहे कितनी भी विश्वसनीय लगे।



 इसे निर्णयात्मक समझना गलत होगा। लोकतंत्र के अलावा कोई भी व्यवस्था नागरिकों को किसी भी महत्त्वपूर्ण फैसले में भाग नहीं लेने देगी।



 लोकतांत्रिक गतिविधि हमें इस बात का दावा करने का अवसर प्रदान करती है कि हम प्राधिकार के दावेदारों से मुक्त है। स्वतंत्रता के लिए लोकतंत्र अनिवार्य है लेकिन इसकी अपनी निजी विशिष्ट चुनौतियाँ भी हैं।

 

 

नागरिक स्वतंत्रता: ऐसे नागरिक जो स्वतंत्रता को महत्त्व देते हैं और ऐसे लोकतान्त्रिक   संस्थानों में अपनी सहभागिता के माध्यम से इसे अभिव्यक्त करते हैं, वे कानूनी तौर पर या  कम औपचारिक तंत्रों के माध्यम से अपने साथियों के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते ।



 ऐसे संस्थानों को स्थापित करने पर उनकी गूढ चिंता जो प्रत्येक को सशक्त करती हैं, उन्हें  ऐसे उपायों को पेश करने के प्रति सजग बनाते हैं जो निजी पसंद को प्रतिबंधित करते हैं । 



 लोकतांत्रिक संस्थानों और उनकी संबद्ध स्वतंत्रता की अनिवार्यता को स्वीकार करके नागरिकों  को संरचनात्मक और अनुबोधक कानूनों में अपनी अच्छे जीवन से संबंधित विविध संकल्पनाओं  को मूर्त करने के अवसर प्रदान करने को महत्त्व देते हुए, वे स्वयं इन मूल्यों के अपने  प्रतिपादन को नियंत्रित करने में हिचकिचाएँगे।




 बुद्धिसंगत मनुष्य के लिए यह सोचना गलत  होगा कि दूसरे तर्कसंगतता को चुनौती देते हैं। जिस तरह हम अपनी निर्णयन प्रक्रिया में बाहरी  अवरोधों को अनुमोदित करने के लिए तैयार किए जाते है. 



तो क्या इसी तरह हम अपनी निर्णयन प्रक्रिया में बाहरी अवरोधों को अनुमोदित करने के लिए तैयार किए जाते हैं , तो क्या एसी तरह हमें ऐसे  सस्थानों को अपनाने के लिए भी तैयार किया जाना चाहिए जो मानव की सबसे खराब गलती  के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं।

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