Surya Puja: हर ग्रह की अपनी अच्छाइयां होती हैं और बुराइयां भी. हर ग्रह शरीर के अलग-अलग भागों को प्रभावित भी करता है. अगर वह ग्रह अच्छा है तो वह हिस्सा मजबूत होता है. अन्यथा उस हिस्से में समस्या आ जाती है.
सारे संसार की ऊर्जा और प्रकाश का कारण सूर्य ही हैं. सूर्य ही राज्य, औषधि, पिता और खाने-पीने की चीजों का कारक हैं. सूर्य उपासना व्यक्ति को यशस्वी, तेजस्वी और निरोगी बनाती है. सूर्य उपासना से शरीर का बहुमुखी विकास होता है.
सूर्य उपासना से ज्ञान, सुख, पद, प्रसिद्धि और सफलता मिलती है. कारोबार या नौकरी में समस्याएं आ रही हों तो सूर्य की उपासना लाभकारी होती है. सूर्य के कारण व्यक्ति को राजकीय सेवा भी हासिल होती है.
कहते हैं कि अगर कुंडली में सूर्य की स्थिति गड़बड़ हो तो कई तरह के रोग आदमी को घेर लेते हैं.
सूर्य का रोगों और बीमारियों से संबंध
हर ग्रह की अपनी अच्छाइयां होती हैं और बुराइयां भी. हर ग्रह शरीर के अलग-अलग भागों को प्रभावित भी करता है.
अगर वह ग्रह अच्छा है तो वह हिस्सा मजबूत होता है. अन्यथा उस हिस्से में समस्या आ जाती है. सूर्य हर तरह के स्वास्थ्य की मजबूती से संबंध रखता है. यह शरीर को हर तरीके से स्वस्थ रखने में सहायक है. सूर्य अगर कमजोर हो तो व्यक्ति कभी स्वस्थ नहीं रहता है.
नेत्र रोग
सूर्य मुख्यतः नेत्र ज्योति का कारक होता है. कुंडली में सूर्य की कमजोरी आंखों की समस्या पैदा करती है. सूर्य का मजबूत होना व्यक्ति को आंखों की हर समस्या से निकाल सकता है. सूर्य उम्र बढ़ने के साथ आंखों में ग्लूकोमा और मोतियाबिंद भी पैदा करता है.
उपाय- हर रोज सवेरे सूर्य को जल अर्पित करें. सूर्य के समक्ष बैठकर सूर्य मंत्र का जाप करें. प्रकाश वाले कमरे या घर में रहने का प्रयास करें. सलाह लेकर एक माणिक्य धारण करें.
हड्डियों से जुड़ी समस्या
सूर्य हड्डियों की मजबूती से सीधा संबंध रखता है. सूर्य के कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है. सूर्य अगर हड्डियों का रोग दे तो चलने फिरने में मुश्किल होती है. पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्या परेशान करती है.
उपाय- नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें. सूर्य के इक्कीस नामों का उच्चारण करें. प्रातःकाल ही सूर्य की ओर पीठ करके बैठें. सलाह लेकर एक माणिक्य धारण करें. ताम्बे के पात्र से जल पीने प्रयास करें.
हृदय रोग
सूर्य की खराबी अक्सर हृदय रोग का कारण बनती है. सूर्य शनि या सूर्य राहु का संबंध इसमें बड़ी भूमिका निभाता है. ऐसे लोगों को हर वक्त बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है.
उपाय- अगर सूर्य की वजह से हृदय रोग की अंदेशा हो तो सवेरे-सवेरे जल में रोली मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करें. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें. ताम्बे का कड़ा या छल्ला जरूर धारण करें.
0 टिप्पणियाँ