साहूवाला द्वितीय में राजस्थान के कतरियासर से आए जसनाथजी के भक्तों ने किया अग्नि नृत्य

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साहूवाला द्वितीय में राजस्थान के कतरियासर से आए जसनाथजी के भक्तों ने किया अग्नि नृत्य

 

सती माता के जागरण में अग्नि नृत्य देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


चोपटा। खंड के गांव साहुवाला द्वितीय में  माता सती  के जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें राजस्थान के कतरियासर से आए जसनाथ जी के भक्तों ने धधकते आग के अंगारों पर नृत्य किया। जागरण में अग्नि नृत्य करते हुए जसनाथ जी के भक्तों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यह जानकारी देते हुए सुनील कुमार ने बताया कि  साहुवाला द्वितीय में चंदूराम टुसिया ढाणी में बीकानेर से आए गोरखनाथ जसनाथ के भक्तों ने माता सती की चौथ पर जागरण लगाया और आग का धुणा लगाया ओर अग्निनृत्य जलती आग में  नंगे पांव नृत्य किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।  जागरण में पालाराम नैन, जगदीश बिरड़ा, केशू महेरिया, जगदीश नाई, विजय शर्मा, इंद्राज टुसिया, कुलदीप नागल, सतबीर जांगड़ा, कृष्ण टुसिया, कुलदीप तेतरवाल, ओमप्रकाश, दूनी तेतरवाल, बलबीर सज्जन टुसिया, भोजराज चाहर, ओर आसपास के गांव से सैकड़ों लोग मौजूद रहे।


हरियाणा से है सती माता का रिश्ता 

मोडू राम चिनिया ओर जगदीश बिरड़ा ने बताया कि लगभग 50 साल पहले गोरखनाथ जसनाथ के भक्त गांव में बीकानेर से ऊंटों पर आते थे और आग में नाचते थे, गोरखनाथ जसनाथ भक्तों ने बातचीत में बताया कि गुरु जसनाथ जी गुरु गोरखनाथ का अवतार थे, उनकी शादी हरियाणा के हिसार जिले के गांव चूली में बैनीवाल गौत्र की लड़की से हुई थी। जो सती हो गई थी बीकानेर जाकर जब जसनाथ जी महाराज समाधी लेने लगे तो अपने चेले को चूली गांव भेजा की वहां मेरी धर्मपत्नी है पिछले जन्म की उसको समाचार कर दो की जसनाथ महाराज का समाधी का समय हो गया है दर्शन करो तो आ जाओ जब चेला चूली गांव में बड़ा हो सती माता खुद आ गई जोहड़ पर ओर बोली मैं जाना चाहती हूं जब घर वालों ने टूटी हुई बैलगाड़ी दे दी । जब सती माता ने हाथ लगाया तो नई बन गई और चूली गांव से सैकड़ों बैलगाड़ी कतरियासर जसनाथ धाम पहुंची और जसनाथ के दर्शन करके माता सती हो गई उनके साथ ही, जो साथ गए वो आगे जाके बस गए वापिस नहीं आए।  गुरु जसनाथ का पवित्र धाम बीकानेर के कतरियासर गांव में है और सिरसा के लगभग 100 गांव इस मंदिर से जुड़े हैं। और हाल ही में राजस्थान चुनाव से पहले मीनू बेनीवाल ने काफिले के साथ इस मंदिर में दर्शन किए और दान भी दिया था, चंदूराम के पुत्र अंजनी मास्टर के लड़की हुई थी जिसके चलते जागरण ओर पार्टी रखी गई थी,चंदूराम के बड़े भाई ओमप्रकाश टुसीया कतरियासर जसनाथ धाम पर महीने दो महीने बाद जाते रहते हैं। और सिरसा के सैकड़ों गांव के भक्तों ने सहयोग से जसनाथ धाम के साथ धर्मशाला बना दी है जहां आने जाने वाले भक्तों को निःशुल्क ठहराव ओर भोजन की सेवा मिलती है। 

फोटो । गांव साहुवाला द्वितीय में आयोजित जागरण जसनाथ जी के भक्त अग्नि नृत्य करते हुए

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