वैद्यता का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी आवश्यकता, प्रकारों व आपारी वर्णन कीजिए।

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वैद्यता का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी आवश्यकता, प्रकारों व आपारी वर्णन कीजिए।

 


 

 वैधता : कानूनी और नियमित गतिविधियाँ जिन्हें किसी उचित आधार पर न्यायोचित  ठहराया जा सकता है वैधता  कहलाती है।


 उदाहरण के लिए किसी वैध उद्देश्य के लिए जनता के पैसे को प्रयोग करना, कार्यालय अथवा  कार्य से अनुपस्थित रहने के वैध कारण और वैध रूप से संबंधित व विवाहित लोगों के यहाँ पैदा होना-ऐसे मामले हैं जो हमें वैता शब्द के प्रयोग के बारे में प्रारभिक  विचार प्रदान  करते है।



 हमारे दैनिक जीवन में ऐसे अनेक मामले आते हैं जब हम दूसरों के कृत्यों  और कार्यों  को उचित, स्वीकार्य और न्यायसंगत मानते हैं। लेकिन कभी ऐसे उदाहरण भी आते हैं जद दूसरों के कार्यों को न्यायोचित नहीं समझते। 



जब हम दूसरों की हरकतों पर प्रश्न उठाने लगते हैं , तब हमें वैच शब्द के अर्थ का कुछ अनुभव होने लगता है। किसी व्यक्ति के पास हमारे साथ इस तरह बात करने का  क्या अधिकार है?



वह हमे कुछ करने का आदेश देने वाला कौन होता है? ऐसे प्रश्न हमारे दिमाग में तब आते हैं जब हम दूसरों की गतिविधियों, निर्णयों अथवा आदेशों को स्वीकार करने  के लिए तैयार नहीं होते। वैघता की धारणा का क्षेत्र हमारी सामान्य चिंताओं से कहीं अधिक विस्तृत   है।


 मैक्स वेबर ने वैधता के प्रमुख आधारों व प्रकारों की चर्चा की है।

 

सामाजिक कार्य के प्रकार : वेबर ने सामाजिक कार्य के निम्नलिखित चार प्रमुख प्रकार बताएं हैं -



 

 

 

(1) भावात्मक कार्य : इस प्रकार का कार्य व्यक्ति की भावात्मक स्थिति के फलस्वरूप  होता है। जैसे कि बस में यदि कोई व्यक्ति किसी लड़की से छेड़खानी करता है वह लड़की नाराज होकर उसको थप्पड़ मार देती है।



 

(2) परंपरागत कार्य: यह कार्य उन परंपराओं और विश्वासों से प्रेरित होता है,  जो   हमारे स्वभाव का अंग बन गए है। परंपरागत भारतीय समाज में बड़ों को प्रनाम  अथवा नमस्कार करना एक तरह से स्वभाव का अंग है और सहज ही ऐसा हो  जाता हैं ।



 

(3) किसी लक्ष्य के संदर्भ में तार्किक कार्य अथवा स्वैकरैशनल कार्य : इसका एक उदाहरण है पुल का निर्माण कर रहा एक इंजीनियर । सकी गतिविधियां अपने

 

लक्ष्य याति निर्माण को पूरा करने की दिशा में संचालित होती हैं ।

 

(4  ) किसी मूल्य के संदर्भ में तार्किक कार्य अथवा वैर्टरैशनल कार्यः इस कार्य में  अपने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिक का उदाहरण दिया सकता है। उसका कार्य धन-दौलत की प्राप्ति जैसे किसी भौतिक लक्ष्य की पूर्ति के

 

लिए नहीं, बल्कि गौरव और देश-भक्ति जैसे विशिष्ट मूल्यों के लिए है।

 

सत्ता के विभिन्न प्रकार (Different Types of Authority) : मैक्स वेबर ने स्रोतों को तीन तरह से बताया है:

 

(1) तार्किक स्रोत, (2) परंपरागत, तथा (3) चमत्कारिक अथवा करिश्माई स्रोत

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