शुक्रवार का दिन धनलक्ष्मी को बहुत ही प्रिय है . कहते हैं कि इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. कर्ज से मुक्ति, खर्चों से राहत और बदतर आर्थिक स्थिति में इनकी पूजा बहुत ही कल्याणकारी मानी जाती है.
हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को अत्यंत पूजनीय माना गया है. शुक्रवार का दिन धनलक्ष्मी को ही समर्पित है.
कहते हैं कि इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है. कर्ज से मुक्ति, खर्चों से राहत और बदतर आर्थिक स्थिति में इनकी पूजा बहुत ही कल्याणकारी मानी जाती है.
आज हम आपको मां लक्ष्मी पूजन विधि चमत्कारी मंत्र और कुछ ऐसे दिव्य उपायों के बारे में बताएंगे, जिनके प्रयोग से आपका कल्याण हो सकता है.
कैसे करें मां लक्ष्मी की पूजा?
शुक्रवार की शाम को स्नान करके लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें. पूजा स्थान पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं.
उस पर केसर मिले चंदन से अष्टदल बनाएं और एक मुट्ठी चावल रखें. फिर चावल पर जल से भरा कलश रखें. इसके पास हल्दी से कमल बनाएं. कलश के ऊपर मां लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें. देवी के सामने श्रीयंत्र भी रखें.
इसके अलावा सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई और फल भी रखें. फिर कुमकुम, अक्षत और फूल चढ़ाते हुए मां लक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा करें. पूजा करते हुए मां लक्ष्मी के आठ अलग-अलग मंत्रों का जाप करें.
मां लक्ष्मी के 8 चमत्कार मंत्र
मां लक्ष्मी का पहला मंत्र- ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का दूसरा मंत्र- ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का तीसरा मंत्र- ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का चौथा मंत्र- ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का पांचवां मंत्र- ॐ कामलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का छठा मंत्र- ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का सातवां मंत्र- ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:।
मां लक्ष्मी का आठवां मंत्र- ॐ योगलक्ष्म्यै नम:।
श्री सूक्त पाठ से होगा लाभ
मंत्र जाप के बाद मां लक्ष्मी के सामने गुलाब की सुगंध वाली धूप सुलगाएं. फिर घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की आरती करें. शुक्रवार की शाम को श्री सूक्त का पाठ करना विशेष फलदायी होता है.
अंत में उपासना में हुई भूल के लिए मां लक्ष्मी से क्षमा याचना करें और अपनी तमाम परेशानियों को दूर करने की कामना करें.
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