प्रोसेस्ड और रेड मीट:
- प्रोसेस्ड मीट (जैसे सॉसेज, बेकन) और रेड मीट (जैसे गोमांस, भेड़ का मांस) का अधिक सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार,
- रोज़ाना 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाने से डायबिटीज का जोखिम 15% बढ़ जाता है।
- रोज़ाना 100 ग्राम रेड मीट खाने से जोखिम 10% और पोल्ट्री मीट से 8% बढ़ सकता है।
कारण:
- रेड मीट में पाए जाने वाला हेम आयरन शरीर में सूजन और डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है।
- प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो इंसुलिन की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं।
- अधिक मीट खाने से वजन बढ़ता है, जो डायबिटीज का एक प्रमुख कारक हैं ।
अनुशंसित खपत:
- अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार,
- रेड मीट का सेवन रोज़ाना 113 ग्राम तक सीमित करें।
- प्रोसेस्ड मीट का सेवन सप्ताह में एक बार से अधिक न करें।
एक्सपर्ट की सलाह
- प्रोसेस्ड और रेड मीट की खपत को सीमित करें।
- मीट के स्वस्थ विकल्प अपनाएं जैसे:
- फिश, लो-फैट चिकन, या प्लांट-बेस्ड प्रोटीन (दालें, सोयाबीन)।
- संतुलित आहार: अपनी थाली में हरी सब्जियां, फल, और साबुत अनाज शामिल करें।
- सक्रिय जीवनशैली और नियमित व्यायाम को अपनाएं।
टाइप 2 डायबिटीज से बचाव
- मीट को ग्रिल्ड, बेक्ड, या उबला हुआ खाने की कोशिश करें।
- प्रोसेस्ड फूड से बचें और ताज़ा सामग्री का उपयोग करें।
- अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराएं।
यह जानकारी न केवल डायबिटीज़ रोगियों के लिए, बल्कि हर किसी के लिए उपयोगी है। स्वस्थ आहार और जीवनशैली अपनाकर हम इस जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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