मार्गशीर्ष, जिसे अग्रहायण या अगहन भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग का नौवां महीना है। यह माह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और फलदायी माना गया है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है: "महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं", जिससे इसका महत्व स्पष्ट होता है।
मार्गशीर्ष माह 2024 की अवधि
- शुरुआत: 16 नवंबर 2024
- समाप्ति: 15 दिसंबर 2024
महत्व और लाभ
- इस माह में मंगलकार्य विशेष शुभ होते हैं।
- पवित्र नदियों में स्नान और श्रीकृष्ण की उपासना से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- संतान प्राप्ति की मनोकामना सरलता से पूर्ण होती है।
- भजन-कीर्तन, दान, और उपासना का फल अमोघ माना गया हैं ।
मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत-त्योहार (दिनांक सहित)
- 21 नवंबर 2024 (गुरुवार): गुरु पुष्य योग
- 26 नवंबर 2024 (मंगलवार): उत्पन्ना एकादशी
- 28 नवंबर 2024 (गुरुवार): प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 29 नवंबर 2024 (शुक्रवार): मासिक शिवरात्रि
- 1 दिसंबर 2024 (रविवार): मार्गशीर्ष अमावस्या
- 5 दिसंबर 2024 (गुरुवार): विनायक चतुर्थी
- 6 दिसंबर 2024 (शुक्रवार): विवाह पंचमी
- 11 दिसंबर 2024 (बुधवार):
- मोक्षदा एकादशी
- गीता जयंती
- 13 दिसंबर 2024 (शुक्रवार):
- प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- अनंग त्रयोदशी
- 14 दिसंबर 2024 (शनिवार): दत्तात्रेय जयंती
- 15 दिसंबर 2024 (रविवार):
- धनु संक्रांति
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
- अन्नपूर्णा जयंती
इस माह में ध्यान रखने योग्य बातें
उपवास और भजन:
- इस माह में भगवान कृष्ण की उपासना और गीता पाठ का विशेष महत्व है।
- संध्याकाल में पूजा और ध्यान अवश्य करें।
आहार और जीवनशैली:
- इस समय से तेल मालिश और स्निग्ध आहार (घी, तिल आदि) शुरू कर दें।
- जीरा के सेवन से बचें।
- मोटे और गर्म कपड़ों का उपयोग करें।
पवित्र स्नान:
- किसी पवित्र नदी में स्नान करें, यदि संभव हो।
- मार्गशीर्ष माह ध्यान और आंतरिक शुद्धि का समय है। इस माह में श्रीकृष्ण की उपासना और पुण्य कर्मों का विशेष महत्व है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि जीवन को सकारात्मक दिशा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
0 टिप्पणियाँ