हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव जांडवाला बागड़ में डॉ सतीश भादु ने बेटे की शादी बिना दहेज के करके दहेज प्रथा को खत्म करने की मुहिम को जारी रखा है। शादी समारोह में मौजूद सतीश भादु के फूफा ऐलनाबाद के विधायक भरत सिंह बैनीवाल ने वधू पक्ष दवारा सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख रुपए वापिस कर दिए ओर शगुन के रूप में मात्र 1 रुपया व नारियल स्वीकार किया, उन्होंने कहा की दुल्हन ही दहेज है। राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के फतेहाबाद व सिरसा जिलों में दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करने की मुहिम लगातार जारी है । इसी कड़ी में गांव जांडवाला बागड़ के डॉ सतीश भादु के बेटे संदीप कुमार की शादी गांव भांगवा (भादरा ) जिला हनुमानगढ़ राजस्थान निवासी सुभाष भाकर पुत्र श्री ओमप्रकाश भाकर की पुत्री प्रीति के साथ धूमधाम से संपन्न हुई। शादी में सभी परंपरागत रस्में अदा की गई । जब विदाई के समय वधु पक्ष द्वारा सुमठनी की थाली में परम्परा के अनुसार 11 लाख रुपए नगद रखे तो वर के पिता वर के पिता सतीश भादु ने अपने फूफा विधायक भरत सिंह बैनीवाल की सलाह पर शगुन के रूप में मात्र 1 रुपया और नारियल यह कहकर स्वीकार किया कि दुल्हन ही दहेज है।
इन गणमान्य व्यक्तियों ने की शादी मे शिरकत
शादी समारोह में विधायक भरत सिंह बैनीवाल, सरपंच संतोष बैनीवाल, सुमित बेनीवाल, विधायक बलवान दौलतपुरिया, डॉ वीरेंद्र सिवाच, ऑल इंडिया बैनीवाल महासभा के अध्यक्ष भरत सिंह बैनीवाल, सरपंच सुरेंद्र, रिछपाल, राजेश कुमार, रणबीर सरपंच, रोहतास कुमार, भूराराम, कुलदीप, सुरेंद्र भादू, पृथ्वी सिंह, संदीप, कुलदीप सिंह, वीरेंद्र कुमार मुकेश कुमार महेंद्र सिंह, मनोज, मनीष साहिल कुमार, सतबीर सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। बिना दहेज की शादी की हरियाणा व निकटवर्ती राजस्थान में सराहना की जा रही है।
दहेज प्रथा तो बिल्कुल ही बंद करने के पक्ष में
जानकारी के अनुसार गांव जांडवाला बागड़ के डॉ सतीश भादु के बेटे संदीप कुमार की शादी गांव भांगवा (भादरा ) जिला हनुमानगढ़ राजस्थान निवासी सुभाष भाकर की पुत्री प्रीति के साथ पूरे रस्मो रिवाज से संपन्न हुई। विदाई के समय वधू पक्ष दवारा परंपरा के अनुसार सुमठनी की थाली में रखे 11 लाख वर पक्ष ने दहेज लेने से मना कर दिया और रस्म के मुताबिक शगुन का मात्र 1 रुपया व नारियल ही स्वीकार किया। इस अवसर पर विधायक भरत सिंह बैनीवाल ने कहा कि वह हमेशा से ही समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ रहे हैं , और दहेज प्रथा तो बिल्कुल ही बंद करने के पक्ष में है। मात्र 1 रुपया व नारियल लेना एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि समाज के अन्य लोगों को भी सबक लेकर दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करना चाहिए।
अपनी बेटी को दहेज देने की बजाय शिक्षित कर अपना फर्ज निभाना चाहिए
प्रीति के दादाजी ओमप्रकाश भाकर ने कहा कि उन्होंने अपनी पोती प्रीति की शादी धूमधाम से संपन्न की है। उनका कहना है कि वह बहुत खुश हैं कि उनकी पोती को ऐसा परिवार मिला जो दहेज के लोभी नहीं है और वह अन्य लोगों से अपील करते हैं कि अपनी बेटी को दहेज देने की बजाय शिक्षित कर अपना फर्ज निभाना चाहिए और समाज में फैली कुरीतियों खत्म करने में योगदान देना चाहिए । यह शादी हरियाणा व निकटवर्ती राजस्थान के लोगों में पूरी तरह चर्चा का विषय बनी हुई है हर तरफ ग्रामीणों द्वारा शादी समारोह की तारीफ की जा रही है।
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