गांव माखोसरानी के दो किसान भाई दिनेश कुमार और पवन कुमार नौकरी, खेती और पशुपालन व्यवसाय को अपनाकर हुए मालामाल success story

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गांव माखोसरानी के दो किसान भाई दिनेश कुमार और पवन कुमार नौकरी, खेती और पशुपालन व्यवसाय को अपनाकर हुए मालामाल success story

 


  success story6 साल पहले पांच देसी गायों से शुरू किया व्यवसाय, अब 70 गायों के दूध से बने उत्पादों से हो रही लाखों की कमाई

 

गांव माखोसरानी के दो किसान भाई दिनेश कुमार और पवन कुमार नौकरी, खेती और पशुपालन व्यवसाय को अपनाकर हुए मालामाल

हरियाणा के सिरसा जिले के गांव माखोसरानी के दो किसान भाइयों ने 6 साल पहले 5 देसी गायों को पालकर शुरू किया काम, आज 70  देशी गायों के दूध से बने उत्पाद और केंचुआ खाद बनाकर मालामाल हो रहे हैं । दोनों भाइयों दिनेश कुमार और पवन कुमार पुत्र धर्मपाल पूनिया  द्वारा घर में ही पूर्णतया देसी और बिना मिलावट के तैयार किए गए देसी गायों के दूध से बने उत्पाद पनीर, खोया, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, कलाकंद, बिनोला घी के साथ-साथ  केंचुआ खाद की डिमांड देश के दूसरे राज्यों में भी हो रही है। हालांकि दोनों भाई नौकरी करते हैं और परंपरागत खेती के साथ-साथ गायों को पालकर एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं। आईए जानते हैं दिनेश कुमार और पवन कुमार पुनियां की सफलता की कहानी।

 

हरियाणा के सिरसा जिले के अंतिम छोर पर पड़ने वाले राजस्थान की सीमा से सटे गांव में किसान परंपरागत खेती करते हैं। पिछले कई सालों से सिंचाई पानी की कमी, बारिश की अनियमितता, प्राकृतिक आपदाओं आदि के कारण परंपरागत खेती लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही है। ऐसे में किसानों ने खेती के साथ-साथ अन्य व्यवसायों को अपनाना शुरू कर दिया है। अधिकतर किसान खेती के साथ-साथ बागवानी और पशुपालन कर अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बने हुए हैं। इसी कड़ी में गांव माखोसरानी के दो किसान भाई दिनेश कुमार और पवन कुमार पुत्र धर्मपाल पूनिया दोनों ही सरकारी नौकरी करते हैं। दिनेश कुमार बीटेक की पढ़ाई के बाद एयरफोर्स में सर्विस करते हैं और पवन कुमार पशुपालन की डिग्री लेकर वेटरनिटी सर्जन के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इसी के साथ-साथ घर की परंपरागत खेती में भी हाथ बटाते हैं और 6 साल पहले पांच देसी गायों से नया कार्य शुरू किया । जिसके तहत देसी गायों के दूध से बने उत्पाद घी, खोया, पनीर इत्यादि बेचना शुरू किया।

 

70 साहीवाल नस्ल, राठी, गिर और अन्य देसी गायों की को पालते हैं

दिनेश कुमार और पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने गायों की रक्षा और पूर्णतया शुद्ध देसी उत्पाद बनाकर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए खेती और नौकरी के साथ-साथ कार्य शुरू किया। जिसमें उन्हें दिन प्रतिदिन सफलता मिलती गई और वर्तमान में 70 साहीवाल नस्ल, राठी, गिर और अन्य देसी गायों की को पालते हैं और उनके दूध से बने पनीर, खोया, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, कलाकंद, पेड़े इत्यादि की अच्छी बिक्री हो रही है। उन्हें सालाना करीब 200000 से अधिक की बचत हो रही है। इन्होंने बताया कि गोविंदम देसी कॉउ फार्म के नाम से गांव माखोसरानी में अपना व्यवसाय शुरू कर रखा है। जिसमें सभी परिजनों के साथ-साथ खुद मेहनत करके देसी और बिना मिलावट के दूध के बने उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।

 

गायों की बछियों को पालकर बनाते है गाय

इन्होंने बताया की सबसे पहले 5 गाय पाली थी। फिर धीरे धीरे गायों की बछियों को पालकर गाय बनानी शुरू की तथा कुछ छोटी बछियाँ खरीदकर उनको पाला जाता है वर्तमान मे 70 से अधिक पशुओं को पाल रखा है।  

 

देश के कई राज्यों से आती है शुद्ध दूध के बने उत्पादों की डिमांड

इनका कहना है कि लोकल फॉर वॉकल  के सिद्धांत पर चलते हुए सिरसा जिले के आसपास के गांव के साथ-साथ उनके उत्पाद दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब सहित कई राज्यों में खूब पसंद किया जा रहे हैं । इनका कहना है कि गायों के गोबर से देसी खाद बनाई जाती है और इसके साथ-साथ केंचुआ खाद का भी व्यवसाय शुरू कर रखा है। जिससे फसलों में डालने पर रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं करना पड़ता। इस कारण दूध के साथ-साथ अन्न भी बढ़िया पैदा होता है

 

दिनेश कुमार और पवन कुमार ने बताया कि साल 2018 में उन्होंने यह व्यवसाय शुरू किया और धीरे-धीरे व्यवसाय में गायों की सेवा के साथ-साथ कमाई का जरिया भी बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि तीज त्योहार, दिवाली इत्यादि के अवसर पर पूर्णतया देसी और बिना मिलावट के दूध के बने उत्पादों की डिमांड बहुत ज्यादा होती है तथा आसपास के बाजारों में स्टाल लगाकर उत्पादक बेचे जाते हैं।

इन्होंने बताया कि उन्होंने अभी तक सरकार से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं ली है लेकिन सरकार को खेती के साथ-साथ अन्य प्रकार के व्यवसाय जैसे बागवानी, पशुपालन, डेयरी इत्यादि पर लोन व अन्य सुविधाओं को देने के लिए योजनाओं का सरलीकरण करना चाहिए, ताकि नए किसान खेती, पशुपालन और बागवानी के जरिए अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

 

देसी गाय का दूध स्वास्थ्य  के लिए काफी फ़ायदेमंद होता  हैं:

देसी गाय के दूध में प्रोटीन होता है, जो पाचन के लिए ठीक होता है, गाय के दूध मे बीटा-कैसीन कम होता है, जिससे एलर्जी का खतरा कम होता है, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन, और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं, यह हड्डियों को मज़बूत बनाता है, दांतों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है, पाचन क्रिया बेहतर करता है, त्वचा चमकदार बनाता है, शरीर को पोषण देता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, वज़न को नियंत्रित रखने में मदद करता है.

 

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