ग्रामीणों ने BJP उम्मीदवार सुनीता दुग्गल से पूछे 3 सवाल, जाने उन सवालों के क्या जवाब दिए

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ग्रामीणों ने BJP उम्मीदवार सुनीता दुग्गल से पूछे 3 सवाल, जाने उन सवालों के क्या जवाब दिए





हिंदी न्यूज़ , हरियाणा में रतिया सीट से BJP उम्मीदवार सुनीता दुग्गल को किसानों का विरोध झेलना पड़ा। यहां तक कि वे उनसे बचने के लिए कच्चे रास्ते से निकल गईं लेकिन किसानों ने उनका पीछा शुरू कर दिया।

इसके बाद गांव के सरकारी स्कूल में दुग्गल का काफिला घेर लिया। जहां दुग्गल से भाजपा नेताओं के किसानों को लेकर दिए विवादित बयानों को लेकर सवाल जवाब किए गए।

किसानों ने पूछा कि वे सवाल पूछने आए थे, वो चोर गली से क्यों गईं, उन्हें पाप लगेगा, जिस पर दुग्गल ने कहा कि वे पुण्य आत्मा हैं। 


कच्चे रास्ते के सवाल पर दुग्गल ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि रूट क्या है?

किसानों ने कहा कि वे सवाल पूछने आए हैं, जिस पर दुग्गल ने कहा कि शांति से सवाल करें, वे जवाब देंगी। 


इस पर किसानों ने पूछा कि उनके रास्ते रोके गए वो ठीक था या गलत था? 


जिस पर सुनीता दुग्गल ने कहा कि यह गलत था।


किसानों के दुग्गल से 3 सवाल और उनके जवाब किसान नेता: 

13 फरवरी को हरियाणा की BJP सरकार ने किसानों का जो दिल्ली जाने का रास्ता रोका, वो गलत था या सही ? सुनीता दुग्गल: गलत था।


किसान नेता: बीजेपी के नेता बोल रहे हैं कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए नकली किसान है?

सुनीता दुग्गल: असली किसान हैं, मैं मानती हूं।


किसान नेता: शुभकरण सिंह को गोली मारी उसकी जांच होनी चाहिए या नहीं

सुनीता दुग्गल: शुभकरण सिंह को गोली मारी, उसकी जांच होगी।

किसानों ने पूछा- सांसद रहते क्यों नहीं आईं,

दुग्गल का जवाब- कोरोना और आंदोलन था


किसानों ने इसके बाद पूछा कि जब वे एमपी थी तो उनके गांव नहीं आई, अब चुनाव के समय गांवों में कैसे आ गईं, जिस पर सुनीता

सुनीता दुग्गल 2019 में सिरसा से सांसद रह चुकी हैं। हालांकि 2024 में BJP ने उनकी टिकट काट दी। अब उन्हें रतिया रिजर्व सीट से विधानसभा की टिकट दी गई है।

किसानों के उम्मीदवार का पीछा करने का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया जा रहा है।

किसानों ने पूछा- रास्ता क्यों बदला, दुग्गल बोलीं- मुझे रूट का पता नहीं सुनीता दुग्गल रतिया के लांबा गांव में प्रचार करने आ रहीं थी। इसका पता चलते ही भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ की टीम प्रधान सतनाम लांबा के नेतृत्व में गांव के बाहर मौजूद हो गई। 2-3 घंटे किसान यहां इंतजार करते रहे, काफी देर बाद उन्हें पता चला कि प्रशासनिक टीम दुग्गल के काफिले को कच्चे रास्ते से ले गई है। जिस पर उन्होंने वहां पीछा शुरू कर दिया और काफिले को स्कूल ढाणी के पास रोक लिया।

दुग्गल ने उन्हें बताया कि 2 साल कोरोना और एक साल किसान आंदोलन में गुजर गया। बाकी दो सालों में 100 दिन उन्हें पार्टी कार्यक्रमों में जाना पड़ा। सवाल जवाब पूरे होने पर किसानों ने उन्हें जाने दिया।

 

 


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