दिवाली, गुरु पर्व,
क्रिसमस
और नए साल की पूर्व संध्या जैसे विशेष अवसरों पर ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति
होगी, लेकिन केवल सीमित समय के लिए। जिला प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित
करने के लिए पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया
है, यह प्रतिबंध 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी
रहेगा।
जिला मजिस्ट्रेट शांतनु शर्मा ने जारी आदेश में
कहा कि जनहित में ग्रीन पटाखों और बेरियम साल्ट को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के
निर्माण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पारित आदेश में कहा
गया है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163,
विस्फोटक
अधिनियम, 1884 और विस्फोटक नियमों द्वारा प्रदत्त शक्तियों
के तहत 22 अक्टूबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक
की अवधि के लिए ग्रीन पटाखों और बेरियम साल्ट को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के
निर्माण, बिक्री, उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आदेश के अनुसार, दिवाली, गुरुपर्व,
क्रिसमस
और नए साल की पूर्व संध्या जैसे विशेष अवसरों पर सीमित समय के लिए ही ग्रीन पटाखों
के उपयोग की अनुमति होगी। दिवाली या गुरुपर्व जैसे किसी अन्य त्यौहार के लिए,
पटाखे
फोड़ने का समय केवल रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही
होगा। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर, जब आधी रात के
आसपास ऐसी आतिशबाजी शुरू होती है, तो यह रात 11:55 बजे से 12:30
बजे तक चलेगी। इसके अलावा ई-कॉमस वेबसाइटों फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि
कंपनियों पटाखों के ऑनलाइन आर्डर स्वीकार नहीं कर सकती। आदेशों की उल्लंघना करने
वाले व्यक्ति के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
टीबी रोगियों की पहचान कर नागरिक अस्पताल में
करवाएं नि शुल्क उपचार, टी.बी. प्रोजेक्ट को लेकर बैठक का आयोजन
सिरसा सामान्य
अस्पताल स्थित टीबी अस्पताल में टी.बी. प्रोजेक्ट में खंड स्तर पर कार्य कर रहे
स्वयंसेवकों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला क्षय रोग अधिकारी
डा. प्रतीक गोयल ने की।
डा. प्रतीक गोयल ने बताया कि टी.बी. के मुख्य
लक्षण अधिक खांसी, खांसी में रक्त आना, लगातार बुखार,
थकावट
होना, वजन घटना तथा सांस लेने में परेशानी होते हैं। इस बीमारी का सबसे
अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, मुंह, लीवर,
किडनी,
गले
आदि में भी टी.बी. हो सकती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है।
टी.बी.एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के द्वारा फैलता है। आप हवा में सांस
लेकर टी.बी.के बैक्टीरिया को प्राप्त कर सकते हैं और टी.बी.से ग्रस्त हो सकते हैं।
टी.बी. के बैक्टीरिया हवा में उन व्यक्तियों द्वारा फैलाए जाते हैं जिनके शरीर में
पहले से ही टी.बी.के बैक्टीरिया हैं।
बैठक में पी.पी.एम. को-ओर्डिनेटर राजेश कुमार
ने टी.बी. प्रोजेक्ट में कार्यरत स्वयंसेवकों को निर्देश दिए कि वे ऐसे मरीजों की
पहचान करके उनका इलाज टी.बी. अस्पताल सिरसा में करवाएं। यह इलाज बिल्कुल नि:शुल्क
है तथा जिन टी.बी. के मरीजों ने अपना इलाज बीच में ही छोड़ दिया है उन्हें अपना
इलाज पूर्ण करने के लिए प्रेरित करें।
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव लाल बहादुर ने
बताया कि राज्य मुख्यालय के निर्देशानुसार जिला में टी.बी. प्रोजेक्ट आरंभ किया
गया है। इस प्रोजेक्ट में स्वयं सेवकों के माध्यम से टी.बी. रोगियों की पहचान करके
उन्हें इलाज के लिए प्रेरित करके सामान्य अस्पताल में स्थित टी.बी. हॉस्पिटल में
इलाज के लिए भेजा जा रहा है।
बैठक में जिला प्रोग्राम को-ओर्डिनेटर (टी.बी.)
विपिन कुमार, रेडक्रॉस के उप अधीक्षक पवन राणा तथा टी.बी.
प्रोजेक्ट में कार्यरत रेडक्रॉस के स्वयंसेवक भी उपस्थित थे।
मतदान के लिए मतदाता सूची में नाम होना जरूरी
-वोटर कार्ड के अलावा अन्य वैकल्पिक पहचान पत्र
दिखाकर किया जा सकता है मतदान : जिला निवार्चन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा
सिरसा जिला निवार्चन अधिकारी एवं उपायुक्त
शांतनु शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 5 अक्टूबर को
मतदान होगा। मतदान के लिए मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है, प्रत्येक
मतदाता यह सुनिश्चित कर लें कि उसका नाम मतदाता सूची में शामिल है या नहीं।
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारतीय
लोकतंत्र की अलग पहचान स्थापित है। भारत में चुनाव को पर्व की तरह मनाया जाता है।
मतदाता का नाम मतदाता सूची में तो है, लेकिन उसके पास मतदाता पहचान पत्र नहीं
है तो वह निर्वाचन आयोग द्वारा निर्दिष्ट वैकल्पिक पहचान पत्र में से कोई एक पहचान
पत्र दिखाकर अपना वोट डाल सकता है।
जिला निवार्चन अधिकारी शांतनु शर्मा ने बताया
कि वोट डालने के लिए वोटर कार्ड के अलावा अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में पासपोर्ट,
ड्राइविंग
लाइसेंस, केंद्रीय, राज्य सरकार, सार्वजनिक
उपक्रमों या सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए
फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त
पासबुक, पैन कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्मार्ट
कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी
स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज और आधार
कार्ड शामिल हैं।
मोबाइल एप का प्रयोग करके घर बैठे पाएं चुनाव
संबंधित जानकारी
चुनावी भागीदारी बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित
करने के लिए है चुनाव आयोग ने शुरू की अनेकों एप्लीकेशन : जिला निर्वाचन अधिकारी शांतनु शर्मा
सिरसा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त
शांतनु शर्मा ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनावी भागीदारी बढ़ाने और
पारदर्शिता, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रथाओं को
सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आईसीटी एप्लीकेशन विकसित किए हैं। ये एप्स मतदाताओं
के साथ साथ उम्मीदवारों के लिए भी काफी लाभदायक है। इन एप्स में सुविधा कैंडिडेट
एप, सी-विजिल, नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप, सक्षम
एप और वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) शामिल हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सुविधा
कैंडिडेट एप चुनाव अवधि के दौरान अनुमति प्रक्रिया में उम्मीदवारों की मदद करने के
लिए ईसीआई द्वारा तैयार की गई एक मोबाइल एप्लिकेशन है। सुविधा कैंडिडेट एप का
उपयोग करने के लिए उम्मीदवारों को एक अकाउंट बनाना होगा और अपनी कॉन्फीडेंशियल्स
के साथ लॉग इन करना होगा। लॉग इन करने के बाद उम्मीदवार अपने नामांकन और अनुमति की
स्थिति देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि सी-विजिल एप नागरिकों को चुना व के दौरान
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है, जबकि
नो योर कैंडिडेट (केवाईसी) एप नागरिकों को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक
इतिहास के बारे में जानकारी देने में मदद करता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सक्षम एप दिव्यांग व्यक्तियों को वोट करने के लिए पंजीकरण करने, अपने मतदान केंद्र की जानकारी लेने और अपना वोट डालने में मदद करता है। इस एप में दृष्टिबाधित लोगों के लिए वॉयस असिस्टेंस, श्रवण बाधित लोगों के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता हेल्पलाइन एप को नए मतदाताओं के पंजीकरण, मतदाता सूची में जनसांख्यिकीय विवरण में सुधार, मतदाता सूची में नाम ढूंढने और अन्य चुनाव संबंधी सेवाओं के लिए तैयार किया गया है।
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