एक दिन चादर से लपेटकर रखी लाश, मक्खियां आने पर टंकी में डाला, पढ़ें आरोपियों के चौंकाने वाले खुलासे

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एक दिन चादर से लपेटकर रखी लाश, मक्खियां आने पर टंकी में डाला, पढ़ें आरोपियों के चौंकाने वाले खुलासे

 





भोपाल के शाहजहांनाबाद थाना क्षेत्र स्थित वाजपेयी नगर मल्टी में रहने वाली पांच साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के सनसनीखेज मामले में लगातार नए खुलासे होते जा रहे हैं। पुलिस मुख्य आरोपी 32 वर्षीय अतुल निहाले, उसकी मां बसंती बाई और बड़ी बहन चंचल को गिरफ्तार पूछताछ कर रही है।


 अतुल ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और बच्ची घटना की जानकारी परिजनों को न दे दे, इसलिए उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें पता चली हैं।

 

पुलिस की पूछताछ में आरोपी अतुल ने बताया कि मंगलवार दोपहर उसकी मां और बहन काम पर चली गई थीं। वह मजदूरी करता है, लेकिन नशा करने के कारण कभी काम पर जाता है, कभी नहीं जाता।


 मंगलवार को वह घर पर ही था, क्योंकि उसकी पत्नी महीने भर पहले फिर मायके चली गई थी। करीब दो साल से उसकी हरकतों की वजह से पत्नी कभी अलग रहती है तो कभी मायके में रही है। मंगलवार को कॉलोनी में मच्छर मारने के लिए नगर निगम ने फॉगिंग की थी। इसके बाद आसपास के सभी फ्लैट के लोग धुआं से बचने के लिए अपने-अपने दरवाजे बंद कर लिए थे।



 मैं दरवाजे पर खड़ा था, तभी बच्ची अपने घर जा रही थी, मैंने अपनी भांजी से दोस्ती होने का हवाला देते हुए उसे बुलाया और अपने कमरे में लेकर गया। जहां मैंने उसके साथ दरिंदगी की, विरोध करने और उसका गला दबाकर हत्या कर दी। मुझे लग रहा था कि बच्ची घर जाकर सभी को बता देगी तो मैं पकड़ा जाऊंगा।

एक दिन लाश चादर में लपेटे रखा

अतुल ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि एक दिन तक तो मैं अंदर के कमरे में लाश को चादर में लपेट कर रखा था। काम से लौटकर मां और बहन आई तो उसे घटना की जानकारी दी। बहन पास में ही अलग कमरे में रहती है।


 उन दोनों ने लाश छिपाने में मेरी मदद की और किसी को शक न हो, इसलिए मैं और मेरी मां व बहन भी परिजनों, पड़ोसियों के साथ बच्ची को तलाशते रहे। पुलिस और परिजन मेरे घर के अंदर तलाशी न ले पाएं, इसलिए हम सभी लोग कमरे में ताला बंद कर उन्हीं लोगों के साथ अधिकांश समय बच्ची की तलाश में लगे रहे। 




बुधवार दोपहर तक मामला गंभीर हो गया, वहीं लाश पर मक्खियां बढ़ने लगीं और बदबू हल्की बदबू भी आने लगी थी। इस कारण मां और बहन के साथ मिलकर किचन के ऊपर रखी छोटी सी टंकी में लाश को डिबो दिया, ताकि बदबू भी न आए और तलाशी होने पर बचा भी जा सके।

 

लाश को ठिकाने लगाने का समय नहीं मिला

मुख्य आरोपी अतुल और उसकी मां व बहन ने पुलिस को बताया कि हत्या के बाद हम लोग डर गए थे, इसलिए किसी को कुछ नहीं बताया। हम लोग सोच रहे थे कि देर रात सुनसान माहौल में लाश को कहीं दूर ले जाकर ठिकाने लगा देंगे, लेकिन मौका ही नहीं मिला। बच्ची के परिजन और मासूम मंगलवार को पूरी रात उसकी तलाश करते रहे। बुधवार दोपहर से भारी पुलिस बल कॉलोनी के एक-एक कमरे की कई बार तलाशी लेते रहे।

 

शक न हो, इसलिए पीड़ित के घर ही बैठे रहे

बुधवार देर रात आरोपियां को पता चल गया था कि अब पुलिस से बचना संभव नहीं, इसलिए अतुल भोपाल से भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। वहीं अतुल निहाले की मां बसंती बाई और बहन चंचल गुरुवार को सुबह करीब नौ बजे से ही मृतका बच्ची के दादी के घर जाकर बैठ गईं, ताकि कोई उन पर शक न कर सके। पुलिस आरोपी के घर दो बार तलाशी कर चुकी थी, लेकिन टंकी में नहीं देखा था।



 गुरुवार सुबह हल्की बदबू आने के बाद बसंती बाई ने कहा घर में चूहा मर गया है और उसने अपने घर में ढेर सारा फिनाइल गिरा दिया, ताकि फिनाइल की दुर्गंध में लाश की बदबू दब जाए। लेकिन पड़ोसियों को बदबू आई तो वह बच्ची की दादी को लेकर उसके घर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस भी पहुंची और लाश बरामद की।

आपराधिक प्रवृत्ति का है पूरा परिवार

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि अतुल का परिवार मूलतः खरगोन का रहने वाला है। वर्षों पहले अतुल की मां और पिता मदर इंडिया कॉलोनी में रहते थे। इसके बाद अलग-अलग कॉलोनियों में किराए से रहते आए हैं। करीब छह माह पहले ही वाजपेयी नगर मल्टी में किराये से रहने आए थे। अतुल निहाले के खिलाफ खरगोन में आधा दर्जन प्रकरण दर्ज हैं। वह छेड़छाड़ के एक मामले में सजा काट चुका है। उसकी पत्नी भी मारपीट की शिकायत थाने में कर चुकी है। वह नशे का आदी है। आए दिन पत्नी से मारपीट के कारण उसकी पत्नी करीब दो साल से अलग है। वह कभी-कभी ही आती है, लेकिन जैसे ही यह विवाद करता है, छोड़कर चली जाती है।

 

मां मानव तस्करी में लिप्त है!

वाजपेयी नगर मल्टी में रहने वाली एक वृद्धा ने अतुल निहाले की मां बसंती बाई निहाले को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि पूरा परिवार आपरधिक प्रवृत्ति का है। करीब 25 वर्ष पहले मैं और बसंती बाई निहाले का परिवार मदर इंडिया कॉलोनी में आसपास ही रहते थे। उस वक्त बसंती का पति अमर निहाले भी भोपाल में रहता था। मेरा एक बेटा आज 32 वर्ष का है। 




उस वक्त करीब मेरा बेटा 7-8 वर्ष का रहा होगा, उसका बसंती बाई ने अपहरण कर लिया था। उसके कमर में चांदी का कमरबंद था, जिसे उतार लिया था। घंटों तलाशने के बाद मेरा बेटा बसंती के कब्जे से मिला। पड़ोसियों के तलाशना शुरू करते ही बसंती ने मेरे बेटे को छोड़ दिया था। लेकिन कमरबंद नहीं लौटाई।



 वह मेरे बेटे का अपहरण तस्करी के लिए किया था। महिला का आरोप है कि इसके बाद मैं बसंती और उसके पति की हरकतों पर नजर रखने लगी थी। वह मोहल्ले और आसपास की कई नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को अपने संपर्क में लेती थी, उसके कुछ दिनों बाद वह लापता हो जाती थीं और मिलती नहीं थीं। कुछ साल पहले भी वाजपेयी नगर मल्टी से एक मासूम बच्चा चोरी हुआ था, जो आज तक नहीं मिला।



पहले भी हुई इस प्रकार की घटनाएं

राजधानी में मासूम बच्ची की हत्या कर लाश छिपाने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले कमला नगर स्थित मांडवा बस्ती में भी एक बच्ची की हत्या करने के बाद उसकी लाश को पास के नाले में फेंक दिया गया था। इसी प्रकार कोलार के कजलीखेड़ा इलाके में एक मासूम बच्चे की हत्या करने के बाद उसका शव गेहूं की टंकी में छिपाया गया था। इस मामले में भी पुलिस शहरभर में मासूम बच्ची की तलाश करती रही, जबकि उसका शव घर से कुछ फीट की दूरी पर छिपाकर रखा गया था।

 

पुलिस का दावा- पिछले सात माह में घटा महिला अपराध

मध्यप्रदेश में पिछले सात महीनों में अपराधों में कमी आई है। महिलाओं के साथ अनुसूचति जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी कमी आई है। पुलिस का दावा है कि हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती जैसे संगीन अपराधों में भी मध्यप्रदेश में काफी कमी आई है।




 राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) द्वारा वर्ष 2023 एवं 2024 के एक जनवरी से 31 जुलाई तक हुए अपराधों की समीक्षा करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया है कि वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 के प्रथम सात माह की अवधि में अपराधों में कमी आई है। इसमें आईपीसी और बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) दोनों के अपराध शामिल हैं। महिलाओं से गैंग रेप के प्रकरणों में 19.01 प्रतिशत की कमी आई है। 



महिलाओं के विरुद्ध घटित क्रूरता एवं दहेज प्रताड़ना के अपराधों में 3.23 प्रतिशत की कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के कारण छेड़छाड़ के अपराधों के प्रकरणों में 9.85 प्रतिशत की कमी सामने आई है। इसी प्रकार महिलाओं के विरुद्ध कुल होने वाले अपराधों में 7.91 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

 

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