अपने जवाबी खत में जेपी नड्डा ने लिखा, 'मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं।'
भाजपा और कांग्रेस के बीच चिट्ठी के जरिए
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख राहुल गांधी के खिलाफ की जा रहीं
विवादित टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
ने खरगे को पत्र लिख पलटवार किया है।
अपने जवाबी खत में जेपी नड्डा ने लिखा, 'मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरीवश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'चूंकि आपने अपने
पत्र में चुनिंदा तरीके से बात केवल राहुल गांधी को लेकर की, इसलिए
मैं उसी से अपनी बात की शुरुआत करना चाहूंगा। जिस व्यक्ति का इतिहास ही देश के
प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली देने का रहा हो, देश
के प्रधानमंत्री के लिए अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने का रहा हो,
जिसने
संसद में देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिसकी
धृष्ट मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उस राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश
आप किस मजबूरी के चलते कर रहे हैं?'
जेपी नड्डा ने लिखा, 'ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थी न खरगे जी, जिन्होंने मोदी जी के लिए 'मौत का सौदागर' जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था?
इन
सभी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बयानों का तो आप और आपकी पार्टी के नेता महिमामंडन
करते रहे! क्यों तब राजनीतिक शुचिता की बातें कांग्रेस भूल गई थी? जब
राहुल गांधी ने सरेआम 'मोदी की छवि को खराब कर देंगे' वाली
बात कही थी तो राजनीतिक मर्यादा को किसने खंड-खंड किया था खड़गे जी? मैं
ये समझता हूं कि खड़गे जी कि अपने नित्य निरंतर फेल्ड प्रोडक्ट का बचाव करना और
उसे महिमामंडित करना आपकी मजबूरी है, लेकिन कम से कम कांग्रेस अध्यक्ष होने
के नाते आपको इन चीजों पर आत्ममंथन भी तो करना चाहिए था।'
जेपी नड्डा ने लिखा, 'खरगे जी, बड़े दुख की बात है कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब अपने नामदार युवराज के दवाब में 'कॉपी एंड पेस्ट' वाली पार्टी बन कर रह गई है। राजनीतिक लोलुपता की पराकाष्ठा करते हुए अब राहुल गांधी वाले दुर्विकार कांग्रेस पार्टी भी अंगीकार करने लगी है और विडंबना यह भी कि वह उससे ही अपने आपको अलंकृत भी महसूस करने लगी है।
कांग्रेस एंड कंपनी के नेताओं ने पिछले 10 सालों में देश
के प्रधानमंत्री को 110 से अधिक गालियां दी हैं और दुर्भाग्य की बात
यह भी है कि इसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल है। तब क्यों राजनीतिक
शुचिता, मर्यादा, अनुशासन, शिष्टाचार जैसे
शब्द आपकी और कांग्रेस की डिक्शनरी से गायब हो जाते हैं? एक तरफ आप
राजनीतिक शुचिता की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर आपकी पार्टी और आपके
नेताओं का इतिहास ही राजनीतिक शुचिता की धज्जियां उड़ाने का रहा है। ऐसा दोहरा
रवैया क्यों?'
उन्होंने लिखा, ' कांग्रेस नेताओं ने तो पीएम मोदी के माता-पिता को भी नहीं छोड़ा, उनका भी अपमान किया गया। आजाद भारत के इतिहास में किसी भी जननेता का अपमान कभी नहीं किया गया, जितना आपकी पार्टी के नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री का किया।
इतना ही नहीं, आपकी
पार्टी के जिन नेताओं ने देश के प्रधानमंत्री को जितनी बड़ी गाली दी, उसे
कांग्रेस में उतने बड़े-बड़े पद दे दिए गए। अगर मैं ऐसे उदाहरण गिनाने लग जाऊं,
तो
आपको भी पता है कि उसके लिए अलग से किताब लिखनी पड़ेगी। क्या ऐसे बयानों और हरकतों
ने देश को शर्मसार नहीं किया, राजनीतिक मर्यादा को तार- तार नहीं
किया? आप इसे कैसे भूल गए खड़गे जी?'
जेपी नड्डा ने लिखा, 'खड़गे जी, कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी पर किस बात का गर्व करती है? इसलिए कि वे पाकिस्तान परस्त भारत विरोधी लोगों के साथ गलबहियां करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों के समर्थन वाले कार्यक्रम में जाकर खड़े हो जाते हैं?
इसलिए कि वे देश को तोड़ने वाली ताकतों से समर्थन मांगते हैं या इसलिए कि वे विदेशी ताकतों से देश के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की मांग करते हैं? इसलिए कि वे देश में आरक्षण और जाति की राजनीति कर एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काते हैं या इसलिए कि वे विदेशी धरती पर जाकर आरक्षण को खत्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनने की मंशा जाहिर करते हैं?
इसलिए कि वे जम्मू-कश्मीर की शांति के खिलाफ विषवमन करते हैं या इसलिए कि वे आतंकियों की रिहाई, पाकिस्तान से बातचीत, पाकिस्तान के साथ व्यापार और धारा 370 को फिर से लाने का समर्थन करते हैं? इसलिए कि वे हिंदू को पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से भी बड़ा खतरा बताते हैं या इसलिए कि वे बार-बार हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हैं? इसलिए कि वे सेना के जवानों की वीरता के सबूत मांगते हैं या इसलिए कि वे जवानों की वीरता को 'खून की दलाली' के संज्ञा देते हैं?
इसलिए सिख भाइयों की पगड़ी और कड़े पर
विवादास्पत बयान देते हैं? ऐसे में आपका पत्र लिखना कांग्रेस के
स्पष्ट दोहरे मानदंड को उजागर करता है कि नहीं?'
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