कमरा नं० 45
छात्रावास
विवेकानन्द उच्च विद्यालय
सिरसा।
दिनांक 13 सिंतबर , 20.....
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प्रिय राजेश
कल ही पिता जी का पत्र मिला, पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई कि तुम आठवीं कक्षा में 65 प्रतिशत अंक लेकर उतिर्न हुए हो । साथ ही यह जानकर कुछ निराशा भी हुई कि तुम माता-पिता का कहना न मानकर दोस्तों के साथ घूमते रहते हों।
प्रिय राजेश माता –पिता से बढ़कर हमारा कोई भी हितैषी नहीं हो सकता। हमारे शास्त्रों में भी कहा है की माता –पिता के चरणों में ही स्वर्ग हैं। तुम बहुत समझदार हो।
माता-पिता की आज्ञा का पालन करना तो
सन्तान का परम कर्तव्य हैं। उनकी आज्ञानुसार
चलकर हम जीवन में बडी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रिय
राजेश मुझे तुमसे पूर्ण आशा है कि भविष्य में तुम पिता की आज्ञा का पूर्णतः पालन करते हुए अपने जीवन को उज्वल बनाओगे
।
माता-पिता को सादर प्रणाम एवं मुन्ना को प्यार
कहना।
तुम्हारा भाई
पुनीत ।
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