चौपटा--- ऐलनाबाद हल्के मे विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होने हैं। हलके के 52 गांवों के हब नाथूसरी चौपटा में चुनावी चर्चा जोरो पर है, चोपटा के लोगों की समस्याएं पिछले कई वर्षों से हल नहीं हो पा रही है । चुनावी गर्म माहौल मे लोग प्रत्याशी की हार जीत के आँकलन के साथ साथ अपनी समस्याएं भी गिनाने में लगे रहते हैं। चुनावी चर्चा मे विकास, भजन लाल, रवि कुमार, गनेशी लाल का कहना है की चौपटा में पानी निकासी की समस्या, सार्वजनिक शौचालय की समस्या, कच्ची गलियाँ, गंदगी के ढेर सहित कई समस्याएं वर्षों से हल नहीं हो पा रही है। इन्होंने बताया की पिछले बीस सालों से पानी निकासी नही हो पा रही है ।
चौपटा में करीब 700 से अधिक दुकानें हैं और 52 गांवों के लोग आते जाते रहते हैं।
चौपटा में सार्वजनिक शौचालय ना होने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ती है। विशेषकर
महिलाओं और बच्चों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चोपटा में सार्वजनिक
शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। इसी प्रकार धर्म सिंह, प्रदीप कुमार का कहना है की कोई हारे कोई जीते
लेकिन सांझी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करवाने नुमायंदे का चयन करना चाहिए। इनका
कहना है की चौपटा के सिरसा रोड़, भट्टू रोड़, भादरा रोड़, नोहर रोड़ पर काफी दूर-दूर तक दुकानें
व कई प्रतिष्ठान खुले हुए हैं। लेकिन सार्वजनिक रूप से शौचालय की व्यवस्था नहीं की
है, इसके अलावा पानी
निकासी की समस्या, गंदी के ढेर भी परेशानी पैदा कर रहे हैं। चौपटा में पानी निकासी की समस्या, शौचालय की समस्या सहित कई समस्याएं वर्षों से हल नहीं
हो पा रही है।
चोपटा 52 गांवों का केंद्र
एक झोपड़ी से शुरू किया गया उनका लगाया हुआ चोपटा रूपी कस्बा एक वट वृक्ष का रूप ले चुका है। चोपटा में इस समय तहसील कार्यालय, बीडीपीओ कार्यालय, पुलिस थाना, आईटीआई, एक सरकारी व 3 निजी विद्यालय, अनाज मंडी , बस स्टैंड, बैंक शाखा सहित कई संस्थान खुलने से क्षेत्र के करीब 52 गांवों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।
चोपटा के नोहर रोड़ पर एक सार्वजनिक
शौचालय बना हुआ है । लेकिन इसमें कोई सुविधा नहीं है और आसपास में गंदगी के ढेर पड़े
हैं । जिस कारण आने जाने वाले आमजन व दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ता
है । दुकानदारों की मांग है कि इस गंदगी को हटाया जाए और सफाई व्यवस्था की जाए तथा
सार्वजनिक शौचालय में भी सफाई पानी की व्यवस्था की जाए ताकि आने-जाने वाले
आमजनों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े ।
चोपटा
की अधिकतर गलियाँ कच्ची है व जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं जिससे हर समय बीमारियाँ
फैलने का अंदेशा बना रहता है। इसके अलावा कई प्रकार की समस्याएं वर्षों से हल नहीं
हो पा रही है। इनका हल होना जरूरी है।
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