धान की कटाई का सीजन शुरू होने के साथ ही अनाज
मंडी में भी आवक शुरू हो गई है। हालांकि सरकारी खरीद 1 अक्तूबर से शुरू
होनी है। आवक के साथ ही सिरसा अनाजमंडी में धान की डुप्लीकेट किस्म 1509,
1692 वनस्पति, 468 हाइब्रिड, 2028, सिफ्ट गोल्ड आदि
आना शुरू हो चुका है।
इस बार जिले में धान की आवक ज्यादा आने की
संभावना है, क्योंकि इस बार नरमा उत्पादक किसानों ने भी
पिछले तीन सालों से नरमे की फसल खराब होने के चलते धान की फसल रोपाई की है।
अनाजमंडी में धान की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही इसकी आवक तेजी पकड़ने लगी
हैं।
राज्य में धान की सरकारी खरीद 1 अक्तूबर से शुरू होनी है। इससे पहले मार्केटिंग बोर्ड की ओर से जारी पत्र के अनुसार सरकारी खरीद 23 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते अब इसको आगे बढ़ा दिया गया है।
सिरसा अनाजमंडी में 15
तारीख से लेकर अब तक लगभग 2 हजार क्विंटल के करीब धान की आवक हो
चुकी है। फिलहाल मंडी में निजी तौर पर धान की खरीद शुरू हो चुकी है। अनाजमंडी में
आ रही डुप्लीकेट बासमती व बासमती 2700 से लेकर 3100 रुपये प्रति
क्विंटल तक बिक रही है।
दूसरी तरफ मौसम परिवर्तनशील रहने के चलते किसान
फसल की कटाई समय से पहले कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि हर रोज बादल छा जाते
हैं, अगर बारिश हो जाती है, इससे धान की कटाई के काम पर असर पड़
सकता है।
-धान का झाड़ व रेट उम्मीद से कम
इस बार धान का प्रति एकड़ के हिसाब से कम निकल रहा है। इसका मुख्य कारण किसान राकेश बताते हैं कि इस बार जिले में बारिश कम हुई, सावन का पूरा महीना सूखा चला गया। सावन माह में धान को सबसे ज्यादा बारिश की जरूरत होती है।
जिसके चलते धान अच्छे से पक नहीं पाया है, अब इसका असर धान
के झाड़ पर स्पष्ट देखने को मिल रहा है। अच्छे से न पकने के कारण धान में जो चमक
आनी चाहिए थी, वह नहीं आई तो रेट भी अच्छा नहीं मिल पा रहा
है। पिछली बार धान 3700 रुपये क्विंटल बिका था, जो इस बार 3100
रुपये क्विंटल बिक रहा है।
मंडी में कमेटी की ओर कोई सुविधा नहीं दी जा
रही है। मंडी में पीने तक का पानी भी उपलब्ध नहीं है। ऊपर से धान का रेट भी नहीं
मिल पा रहा है। सरकारी खरीद शुरू होती तो शायद अच्छे भाव मिल जाते।
-गुरदीप सिंह किसान, गांव मलड़ी।
धान का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, सेठ
लोग आते हैं, धान को मुट्ठी में भरकर मनमर्जी का रेट लगाते
हैं। सरकारी खरीद भी नहीं हो पा रहीं है। मंडी में किसानों की सुविधा का ध्यान
नहीं रखा जा रहा है। पीने की पानी की कमी है। -रवनीत सिंह किसान, गांव
मल्हड़ी
मंडी में आते-आते बुजुर्ग हो गए हैं। आज तक कोई
बदलाव नहीं आया है, निजी परचेजर आते हैं और उनकी फसल को कौड़ियों
के भाव लगाकर खरीदकर चला जाता है। कुछ किसान को राम मार देता है, कुछ
सेठ लोग और बची कसर सरकार निकाल देती है। -सरदार इकबाल, किसान
मंडी में धान आ रहा है। सरकारी खरीद एक अक्तूबर से शुरू होगी। तैयारी पूरी कर ली गई है। खरीद के दौरान किसानों को परेशानी का सामना नहीं करना पडेगा। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। किसानों व आढ़तियों के लिए नियमानुसार नियमों का नोटिस निकाल दिया गया है। -विरेंद्र मेहता, सचिव मार्केट कमेटी, सिरसा।
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