शराब से ज्यादा खतरनाक है गलत तरीके से खाया हुआ बादाम, जानें सही तरीका।

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शराब से ज्यादा खतरनाक है गलत तरीके से खाया हुआ बादाम, जानें सही तरीका।

 



बादाम सेहत को कई सारे फायदे देता है। मगर सद्गुरु का कहना है कि भिगोए बिना खाने से यह कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अंदर ऐसे यौगिक होते हैं जिन्हें कैंसर के कारण से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन आखिर भिगोने के बाद बादाम के अंदर क्या बदलाव होते हैं जो इसे बेहतर बनाते हैं।



बादाम खाने से प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट, विटामिन ई, मैंगनीज, मैग्नीशियम जैसे ताकतवर न्यूट्रिएंट मिलते हैं। यह दिमाग तेज करने के लिए खाया जाता है।



 याददाश्त तेज रखने के लिए बच्चों को खिलाया जाता है। दूसरी तरफ शराब एक हानिकारक ड्रिंक है जिसकी एक बूंद भी कई तरह के कैंसर कर सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत तरीके से खाया गया बादाम शराब से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

 

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कर्ली टेल्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि बादाम को सही तरीके से खाना चाहिए। इसमें कैंसरजनित पदार्थ होते हैं, जो सक्रिय हो सकते हैं और कैंसर बन सकते हैं। इस जानकारी की कमी से बहुत बड़े पैमाने पर कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए आपको बादाम खाने का सही तरीका पता होना चाहिए।



सद्गुरु ने बताया बादाम से कैसे होता है कैंसर?

बादाम एक बीज है जिसके अंदर पेड़ बनने की क्षमता होती है। कुदरत ने इस प्रक्रिया को सही रखने के लिए बीजों के अंदर खासियत दी है। इनके अंदर कार्सिनोजेनिक केमिकल होता है, जो बादाम को भिगोते ही ऊपर आ जाता है। एनसीबीआई पर मौजूद शोध कहता है कि बादाम जैसे नट्स के अंदर AFLATOXIN B1 होता है जिसे लिवर कार्सिनोजेनिक कहते हैं। इसे लिवर के कैंसर से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि यह खतरा बहुत ज्यादा और लंबे समय तक कच्चे बादाम खाने से हो सकता है।



भिगोकर खाएं बादाम

भीगे बादाम पचने में आसान होते हैं। सद्गुरु के मुताबिक छिलका उतारकर आप इसके कार्सिनोजेनिक कंपाउंड से छुटकारा पा सकते हैं। आप एक रात पहले कुछ बादाम को पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इनका पानी हटाकर छिल लें।


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एंटीऑक्सीडेंट्स का फायदा

जहां कुछ एक्सपर्ट कच्चा बादाम खाने से कैंसर का खतरा मानते हैं। वहीं भीगे बादाम को कैंसर से बचाने वाला माना जाता है। इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जिन्हें फ्री-रेडिकल्स से बचाव करने के लिए जाना जाता है। फ्री-रेडिकल हानिकाकर कंपाउंड होते हैं जो कैंसर वाली सेल्स पैदा कर सकते हैं।



मेमोरी बूस्टर फूड

नट्स के अंदर विटामिन ई और ओमेगा फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। यह दोनों न्यूट्रिएंट ब्रेन सेल्स का फंक्शन बढ़ाने का काम करते हैं। दिमाग की जानकारी स्टोर करने की ताकत बढ़ती है जिससे ब्रेन मेमोरी में सुधार साफ-साफ देखा जा सकता है।



कमजोरी का एहसास होगा खत्म



एनर्जी की कमी शारीरिक कमजोरी का एहसास करा सकती है। बादाम में नेचुरल शुगर, पोषण और फाइबर होता है। ये सभी चीजें शरीर को पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज देती हैं। जिससे ब्लड शुगर को नुकसान पहुंचाए बिना एनर्जी बढ़े।

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