हरियाणा के जीव प्रेमी जोगिंद्र सिंह बैनीवाल ने अनगिनत सांपों को सुरक्षित पकड़ कर जंगल में छोड़ा

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हरियाणा के जीव प्रेमी जोगिंद्र सिंह बैनीवाल ने अनगिनत सांपों को सुरक्षित पकड़ कर जंगल में छोड़ा

   


शायद जोगिंद्र सिंह और सांपों के बीच में कोई गहरी दोस्ती है 




चोपटा । सांप पकड़ना कोई आसान काम नहीं है, परंतु कई जीव प्रेमी खतरनाक जानवरों को आबादी के क्षेत्रों से पकड़ कर जंगल आदि सुरक्षित स्थानों पर छोड़ देते हैं। इसी कड़ी मे हरियाणा के सिरसा जिले के गाँव गीगोरानी का जोगिंद्र सिंह बैनीवाल सांप पकड़ने में माहिर हैं, यह सख्स खतरनाक व विषैले सांपों को आसानी से अपने कब्जे में कर लेता है. अगर जो भी कोई इनको सांप पकड़ते हुए देखता है तो यही कहता है कि जोगिंद्र सिंह और सांपों के बीच में कोई गहरी दोस्ती है। जोगिंद्र सिंह बैनीवाल को विषधरों से डर नहीं लगता है. वो गांव, खंडहरों, खेत-खलिहान में निकलने वाले जहरीले सांपों को सुरक्षित पकड़ कर जंगल में छोड़ देते हैं. जोगिंद्र सिंह बैनीवाल बचपन से ही सांप पकड़ते आ रहे है, यह कार्य उन्होंने बचपन से ही सीखा है, जोगिंद्र सिंह अभी तक अनगिनत सांपों को पकड़ चुके हैं ।  

आबादी से दूर जंगल में छोड़ देते हैं सांप

जोगिंद्र सिंह का कहना है कि सांप पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, अज्ञानता के कारण लोग उन्हें देखते ही मार देते हैं, सांप तो स्वयं आदमी से डरते हैं, लेकिन यह बात इंसान नहीं समझता और वो उसे अपने लिए खतरा मानता है,  मैंने अभी तक अनगिनत कोबरा (नाग) सांप, गोहिरा पकड़े हैं और उन्हें बस्ती से दूर ले जा कर छोड़ देता हूं। एक दिन पहले नाथूसरी चौपटा में सांप को घर से पकड़ा, जिनको सुनसान जगह पर छोड़ दिया, सांपों को सुरक्षा एवं समाजसेवा के भाव से पकड़ता हूं. बाद में उनको ऐसी जगह पर छोड़ देता हूं जहां आबादी न हो. 


बचपन मे ही शिख लिया था सांप पकड़ना  

जोगिंद्र सिंह का कहना है कि मैं बचपन से ही सांप पकड़ कर छोड़ रहा हूं।, मुझे इनसे कोई डर नहीं लगता है। पर्यावरण में फैले विषैली गैसों को सांप अपने अंदर ले लेते हैं और उसको कार्बन डाइऑक्साइड में बदलने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं

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