वर्तमान में पड़ने वाली भीषण गर्मी में बिना एसी वाली कार में सफर करना और भी मुश्किल हो जाता है वहीं ए.सी वाली कार में सफर करने से जहां सफर आसान हो जाता है वहीं कार में एयर कंडीशनर (AC) के उपयोग का कार की माइलेज पर प्रभाव होता है। जब AC चालू होता है, तो इंजन को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि AC कंप्रेसर को चलाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इससे फ्यूल की खपत बढ़ जाती है, जिससे माइलेज पर असर पड़ता है।
कार में एयर कंडीशनर (AC) इस तरह काम करता है:
जब कार में AC चालू किया जाता है, तो सबसे पहले कंप्रेसर रेफ्रिजरेंट गैस का दबाव बढ़ाता है। यह दबाव गैस को तरल में बदलने में मदद करता है, जिससे कूलिंग प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद, यह तरल बाहर की हवा के संपर्क में आता है, जिससे गर्मी बाहर निकलती है और हवा ठंडी हो जाती है। रिसीवर ड्रायर से नमी हट जाती है, जिससे कूलिंग प्रभावी हो जाती है। जब इंजन चालू होता है, तो AC कंप्रेसर से जुड़ी बेल्ट घूमने लगती है, और कूलिंग प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यह प्रक्रिया घरों में लगे AC के काम करने के तरीके से काफी हद तक मिलती-जुलती है।
AC के उपयोग से माइलेज पर कितना फर्क पड़ता है?
ऑटो एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप लगातार AC का उपयोग करते हैं, तो कार की माइलेज में लगभग 7% तक की गिरावट हो सकती है। हालांकि, यह गिरावट आपकी ड्राइविंग शैली, कार के प्रकार, और बाहरी तापमान पर भी निर्भर करती है।
AC के सही उपयोग के तरीके:
टेम्प्रेचर मेंटेन करें: ड्राइविंग के दौरान AC चालू रखें ताकि कार का तापमान नियंत्रित रहे। जब कूलिंग पर्याप्त हो जाए, तो AC को बंद कर दें और इसे बीच-बीच में बंद करके कम्प्रेशर को आराम दें।
विंडो ओपन करना: कभी-कभी ताज़ी हवा के लिए विंडो को खोलना भी एक अच्छा विकल्प होता है, जिससे आपको ठंडक भी मिल सकती है और AC का इस्तेमाल भी कम हो सकता है।
AC सर्विस: यात्रा पर निकलने से पहले AC की सर्विस या क्लीनिंग करवा लें, जिससे इसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है और फ्यूल की खपत कम हो सकती है।
AC का लगातार और अत्यधिक उपयोग करने से माइलेज पर असर पड़ता है, इसलिए इसे समझदारी से उपयोग करना आवश्यक है। उचित टेम्प्रेचर बनाए रखें और AC का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करें ताकि फ्यूल की खपत कम हो और माइलेज पर कम से कम असर हो।
0 टिप्पणियाँ