Loksabha Election: इस बार क्षेत्रीय पार्टियों का नहीं चला जादू

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Loksabha Election: इस बार क्षेत्रीय पार्टियों का नहीं चला जादू



 Loksabha Election 2024:इस बार हरियाणा लोकसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय पार्टियों का जादू नहीं चल पाया। प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही आईएनएलडी और जेजेपी को दो चुनाव से यहां अपनी जमानत बचाने के भी लाले पड़े हैं। बसपा का भी यही हाल है। 2009 के चुनाव में दमदार प्रदर्शन करने वाली बसपा 10 हजार के आंकड़े तक नहीं पहुंच पा रही है। एक समय था जब आईएनएलडी ने प्रदेश में 10 में से 5 लोकसभा सीटें जीतने का कमाल किया था। साल 2014 के चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी ने दमदार प्रदर्शन किया था और दूसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन इस बार इनेलो 5 हजार वोट का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई।


  हालांकि तीनों ही पार्टियों ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधकर टिकट वितरण किया थाए लेकिन वह भी काम नहीं आया। जेजेपी ने बॉलिवुड सेलिब्रिटी और यादव समुदाय से युवा राहुल फाजिलपुरिया को उम्मीदवार बनाया। राहुल का जादू न यादव वोटर पर चला और न ही युवाओं पर। वोट के लिहाज से भी बादशाहपुर प्रदेश में सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। यहां बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 497028 वोटर में से 2ए76ए367 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। बादशाहपुर यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही राहुल फाजिलपुरिया का गृह क्षेत्र भी है। यहां राहुल महज 4362 वोट ही ले पाए। हालांकि पार्टी साल 2019 के प्रदर्शन के आधार बनाते हुए इस बार के प्रदर्शन पर संतोष जाहिर कर सकती है। दूसरा आईएनएलडी उम्मीदवार से तीन गुणा वोट लेने का भी पार्टी जश्न मना सकती है। राहुल को कुल 12484 वोट मिले हैं।



आईएनएलडी ने 2014 का प्रदर्शन दोहराने के लिए मेवा कैंडिडेट पर दांव खेला। मेवात के मूल निवासी हाजी सोहराब खान को अपना उम्मीदवार बनायाए लेकिन सोहराब पार्टी की ओर से अभी तक हुए प्रदर्शन के आसपास भी नहीं पहुंच पाए। 2014 के चुनाव में पार्टी ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 370058 वोट हासिल किए थे। 2019 में पार्टी को 9911 वोट मिले थे। लेकिन इस बार पार्टी प्रत्याशी 5 हजार से कम वोटों पर सिमटते नजर आ रहे हैं। हाजी सोहराब को कुल 4549 वोट अभी तक मिले हैं। 



बसपा ने जातीय समीकरण को आधार बनाते हुए गुर्जर कैंडिडेट उतारा था। लेकिन बसपा के विजय खटाना साल 2019 का प्रदर्शन दोहराने में भी नाकाम रहे। परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में बसपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मुकाबले को कड़ा बना दिया था और कुल 193652 वोट प्राप्त किए थे। साल 2014 में गुर्जर समुदाय से ही पार्टी उम्मीदवार धर्मपाल राठी ने 65009 वोट लिए थे। 2019 में मेव उम्मीदवार रईस अहमद ने 26756 वोट लिए थेए लेकिन इस बार पार्टी प्रत्याशी विजय खटाना 10 वोटों तक भी नहीं पहुंच पाए। विजय को कुल 8088 वोट ही मिले हैं।

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