गंगानगर शहर से करीब दस किलोमीटर दूर हनुमानगढ़ रोड के पास गांव भादुवांवाली में गुरुवार रात करीब नौ बजे करंट लगने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई। दोनों भाई खेती करते थे। रात को छोटा भाई खेत में काम करने के लिए गया था। इसी दौरान किसी समय उसे करंट लग गया। जब वह रात नौ बजे तक नहीं लौटा तो बड़ा भाई उसका पता करने के लिए खेत चला गया।
छोटे को संभालने गया था बड़ा भाई
श्रीगंगानगर के हनुमानगढ़ रोड पर गांव सिहागांवाली से दक्षिण की तरफ करीब चार किलोमीटर अंदर गांव भादुवांवाली में हादसा वीरवार रात करीब नौ बजे हुआ। गांव के किसान सत्यप्रकाश का बेटा नरेंद्र (25) अपने खेत में काम करने के लिए गया था। काम के दौरान उसने वहां खेत में एक तरफ बिजली की तार पड़ी देखी। उसने जुताई के लिए तार को हटाने का प्रयास किया। तार पास के ट्रांसफार्मर से जुड़ी थी, इससे वह करंट की चपेट में आ गया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।सत्यप्रकाश का खेत उसके गांव भादुवांवाली में उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर ही है। जब नरेंद्र रात नौ बजे तक नही आया तो उसका पता लगाने के लिए उसका बड़ा भाई भीमसैन भी मौके पर पहुंचा। वहां नरेंद्र को अचेत पड़ा देखा तो भीमसैन ने उसे छू लिया। इससे वह भी करंट की चपेट में आ गया। इससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।वहां उसने छोटे भाई को अचेत पड़े देखा तो उसने उसे उसी समय छू लिया। इससे मौके पर उसकी भी मौत हो गई। देर तक दोनों नहीं लौटे तो परिवार के लोगों ने पता किया। इस पर दोनों खेत में मृत मिले।
जब दोनों देर तक नहीं लौटे तो परिवार के लोगों ने पता किया। इस पर दोनों खेत में गंभीर हालत में पड़े मिले। करंट की तार को हटाकर गांव के लोग उसे पास ही रीको स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए। जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
चूनावढ़ पुलिस पहुंची मौके पर
घटना की जानकारी मिलने पर चूनावढ़ पुलिस मौके पर पहुंची। चूनावढ़ थाने के मनोहरलाल ने बताया कि दोनों युवकों को वहां से श्रीगंगानगर के सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां शुक्रवार दोपहर दोनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए गए।
परिवार में माता-पिता, बहुएं और बच्चे
मृतक भीमसेन और नरेंद्र के परिवार का हादसे के बाद से रो-रोकर बुरा हाल है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है। हादसे का जिक्र करते ही लोग किसान
सत्यप्रकाश के घर की तरफ इशारा कर देते हैं। मृतक
भीमसेन और नरेंद्र के परिवार में पिता सत्यप्रकाश,
उनकी पत्नी और भीमसेन व नरेंद्र की पत्नियां है।
भीमसेन का बेटा दक्ष सत्रह वर्ष का है। वह ग्यारहवीं
में पढ़ता है। जबकि नरेंद्र का बेटा युवराज तीन वर्ष का
और बेटी स्नेहा पांच वर्ष की है। गांव की श्मशान भूमि में
शुक्रवार दोपहर अंतिम संस्कार के बाद परिवार में शोक
जताने वाले लगातार आ रहे हैं। पिता सत्यप्रकाश ओर
निकट संबंधियों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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