सलाह : हरियाणा राजस्थान मे जुलाई महीने में किए जाने वाले कृषि कार्य कौन से है?

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सलाह : हरियाणा राजस्थान मे जुलाई महीने में किए जाने वाले कृषि कार्य कौन से है?

 



हरियाणा राजस्थान मे जुलाई का महिना सावनी की फसलों की बिजाइ के लिए काफी अहम होता है। इस दौरान नहरी क्षेत्र मे बिजाइ के साथ साथ बारिश होने पर बारानी जमीन मे बिजाई  की जाती है।  जुलाई का  महीना  मानसून की बारिश का महीना होता है । इस महीने मे खेती में फल और सब्जियों को लगाकर हजारों नहीं लाखों रुपए की जबरदस्त कमाई कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि जुलाई में कौनसी सब्जी और फलों की खेती  करनी चाहिए । जुलाई मे ग्वार, बाजार, मोठ, मूंग, तिल, इत्यादि फसलों की नहरी व बरानी  बिजाई  कर सकते हैं। 



खेती और पशुओं के लिए जुलाई महीने  में किए जाने वाले जरूरी कार्य 


जुलाई का महिना तपती हुई गर्मी से राहत देने के लिए मानसून की बारिश लेकर आता है। इस माह में देशभर के हर क्षेत्र में मानसून की वर्षा आरंभ हो जाती है, जिससे मौसम सुहावना बन जाता है। जुलाई महीना सभी जीव जन्तुओं को गर्मी से राहत देता है, तो वहीं यह महिना  कृषि क्षेत्र के लिए काफी अहम  होता है। क्योंकि इस महीने  में कृषि से जुड़े लोग धान सहित सावनी  फसलों में सब्जियों की खेती शुरू करते हैं। इसके अलावा, बागवानी में किसान कई तरह के फल और औषधियों के पौधे भी लगा सकते  है।



दरअसल, इस मौसम  मे रोपे गए पौधे तेजी से विकास करते हैं, क्योंकि बारिश से तापमान  कम हो जाता है । इससे पौधों को विकास करने के लिए उचित वातावरण मिलता है। ऐसे में किसान भाई जुलाई महीने में कई मुख्य सब्जियों की खेती और फलों की बागवानी से लाखों रुपए की  आमदनी कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान भाई बरसात में अपने पालतू पशुओं का खास ध्यान रखकर उन्हें मौसमी बीमारियां और संक्रमण से बचा सकते हैं। आइए जानें, 


जुलाई के महीने  में लगाएं ये  सब्जियों 

खरीफ सीजन की सब्जियों की खेती करने वाले किसान भाई जुलाई महीने में गोभी, टमाटर, स्वीट कॉर्न, बैंगन, ब्रोकली, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पालक, धनिया, गाजर, मूली, करेला आदि सब्जी की बिजाइ कर सकते हैं। क्योंकि इस दौरान सब्जियों की खेती में पानी की समस्या नहीं होती है। 



बारिश  होने से इन्हें पर्याप्त मात्रा मे  पानी मिल जाता है, जिससे फसल की अलग से कोई सिंचाई नहीं करनी पड़ती है। इस समय लगाई गई सब्जियों की खेती लगभग 2 से 3 महीने में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है और इन पर ज्यादा  खर्च भी नहीं करना पड़ता है। वहीं, सितंबर और अक्टूबर माह के बीच बाजार में सब्जियों की मांग  अधिक होती है, जिस वजह से इन सब्जियों के भाव काफी अच्छे मिल जाते हैं। ऐसे में किसान भाई जुलाई में इन सब्जियों की खेती कर इनकी पैदावार से अगले दो, तीन महीने तक अछि खासी  कमाई कर सकते हैं।


जुलाई में करें इन फलों की बागवानी


आप फलों की बागवानी करना चाहते  हैं, तो जुलाई में आम, संतरा, चीकू, अनार, बेर, पपीता, लीची, सेव, जामुन, अनानास, अमरुद, अंगूर, शरीफा, नाशपाती, आडू, अंजीर आदि सदाबहार फलों के पौधों की बागवानी कर सकते हैं। बरसात के मौसम में फलों के पौधे भी तेजी से तैयार होते हैं। 



वहीं, बाजार में इन सभी फलों की डिमांड पूरे साल बनी रहती है, जिससे इन फलों के भाव भी बाजार में अच्छे मिलते  हैं। ऐसे में किसान बरसात के मौसम में इन फलों के पौधों की रोपाई कर आने वाले 3  से 4 सालों में इनके उत्पादों से लाखों की कमाई कर सकते हैं। विशेष  बात यह है कि जब यह पौधे पूर्ण रूप से विकसित होकर तैयार हो जाते हैं, तो कई सालों तक लगातार उत्पादन देते हैं। इससे किसानों को एक निश्चित आय कई सालों तक मिलती रहती है।


बारिश के मौसम में पशुओं को बीमारियाओं से कैसे बचाएं 


किसान खेती के साथ साथ पशुपालन में गाय-भैंस, बकरी, ऊंट सहित  अन्य छोटे-बड़े दुधारू पशुओं का पालन करते हैं तो जुलाई के मौसम में आपको काफी ज्यादा सतर्क होने की आवश्यकता है। क्योंकि बारिश के इस मौसम के दौरान वातावरण  और तापमान  में काफी बदलाव होते हैं, जिसके कारण छोटे-बड़े जीव, परजीव औेर रोग वाहक कीड़े-मकोड़े पनपते हैं। 



इनमें से कुुछ प्राकृतिक लाभ पहुंचाने वाले होते हैं, तो कुछ जीव प्रकृति समेत मनुष्य और पशु, पक्षियों को हानि पहुंचाने वाले होते हैं। अक्सर पाया गया है कि बारिश के मौसम के दौरान पालतू और दुधारू पशुओं को लंगड़ा बुखार, गलघोटू, पेट में कीड़ा, दस्त, फड़ सूजन, वायरस, त्वचा रोग आदि जैसी कई मौसमी बीमारियां आसानी से जकड़ लेती है, जिससे पशुओं की मौत तक हो जाती है।


ऐसे में पशुपालन करने वाले किसानों को बारिश के मौसम में अलर्ट रहना चाहिए। पशुओं को स्वच्छ और पोषक तत्वों से भरपूर नमी रहित चारा खिलाना होगा। पशुओं के स्वभाव में बदलाव होने पर तुरंत पशु चिकित्सक से सपर्क कर परामर्श करना आवश्यक है। सही समय पर मवेशियों को सभी आवश्यक जरूरी टीके भी लगवाना चाहिए। बरसात के मौसम के दौरान अपने मवेशियों को जितना हो सकें, उन्हें उतना साफ और स्वच्छ रखने का प्रयास करें। इससे संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा कम होगा।

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