Atal Pension Yojana: 2023-24 में 1.22 करोड़ नए सदस्य जुड़े, जानिए इस स्कीम का लाभ

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Atal Pension Yojana: 2023-24 में 1.22 करोड़ नए सदस्य जुड़े, जानिए इस स्कीम का लाभ


Atal Pension Yojana: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना में साल 2023-24 में रिकॉर्ड 1.22 करोड़ नए लोगों ने खाता खुलवाया है। सरकार के द्वारा शुरू की गई इस सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अभी तक अटल पेंशन योजना के साथ जुड़े खाताधारकों की संख्या 6.62 करोड़ हो गई है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड अथॉरिटी की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है।



अटल पेंशन योजना को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार इस योजना में कुल खाताधारकों में 70.44 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 19.80 प्रतिशत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा, 6.18 प्रतिशत निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा, 0.37 प्रतिशत भुगतान बैंकों द्वारा, 0.62 प्रतिशत स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा और 2.39 प्रतिशत का खाता सहकारी बैंकों का है।



नामांकन में 24 प्रतिशत की वृद्धि

बता दें कि अटल पेंशन योजना को देखें तो वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में सकल नामांकन में 24 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है, यह 6.44 करोड़ पर पहुंच गई है। पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती की मानें तो अटल पेंशन योजना महिलाओं और युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है। इस वित्त वर्ष में इसमें जितने नामांकन हुए हैं उसमें से 52 प्रतिशत महिलाएं थीं। इस योजना की शुरुआत से अब तक देखें तो जितने नामांकन हुए हैं उसमें से 70 प्रतिशत ग्राहक 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के हैं।



यूपी में सबसे ज्यादा नामांकन

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नामांकन इस योजना के तहत हुआ है जो 1 करोड़ से अधिक है। इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु आते हैं जहां 50-50 लाख नामांकन हुआ है। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में इस योजना से 30-30 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं। वहीं गुजरात, ओडिशा, झारखंड जैसे राज्यों से इस योजना से 20-20 लाख लोग जुड़े हैं। इन्हीं 12 राज्यों से 80 प्रतिशत से अधिक नामांकन इस योजना में हुए हैं।



अटल पेंशन योजना के लाभ

अटल पेंशन योजना (APY) एक सरकारी पेंशन योजना है जिसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन की सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत, सदस्य नियमित अंशदान देकर 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस योजना के प्रमुख लाभों पर एक नजर डालते हैं।




आर्थिक सुरक्षा

60 वर्ष की आयु के बाद नियमित मासिक पेंशन प्राप्त होती है, जिससे वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा मिलती है। पेंशन की राशि 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह तक हो सकती है, जो अंशदान के आधार पर निर्धारित होती है।



सरकारी सह-अंशदान

योग्य सदस्यों को भारत सरकार द्वारा 5 वर्ष तक वार्षिक 1,000 रुपये या अंशदान का 50% (जो भी कम हो) का सह-अंशदान दिया जाता है। यह सुविधा उन सदस्यों के लिए है जो किसी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभार्थी नहीं हैं और आयकर दाता नहीं हैं।



नियमित अंशदान

सदस्य को 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के बीच में योजना में शामिल होना होता है। अंशदान की राशि सदस्य की आयु और चयनित पेंशन राशि के आधार पर निर्धारित होती है। अंशदान को बैंक खाते से स्वचालित रूप से काट लिया जाता है।



पारदर्शिता और सुरक्षा

यह योजना पूरी तरह से सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे निवेश की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। अंशदान और पेंशन की जानकारी ऑनलाइन चेक की जा सकती है।



परिवार को लाभ

सदस्य की मृत्यु के मामले में, उनके पति/पत्नी को पेंशन जारी रहती है। यदि पति/पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को संचित राशि का भुगतान किया जाता है।

 

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