- मई के अंत या जून की शुरुआत में होता है नौतपा का असर
उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी रहेगा। क्योंकि 25 मई से नौतपा शुरू हो चुका है। मौसम वैज्ञानिक इसे हीट वेव या लू वाले दिन भी कहते हैं। राजस्थानए हरियाणाए पंजाबए मध्य प्रदेश और गुजरात में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तक पहुंच सकता है। इस बार मई में भीषण गर्मी पड़ रही है। इन दिनों में ऐसा लगता है कि जैसे सुबह.सुबह आसमान से आग बरस रही है। ये गर्मी का कहर 25 मई से शुरू हो चुके नौतपा के प्रकोप के कारण ही है। यह वह समय होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और नौ दिनों तक वहां रहता है। नौतपा आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरूआत में पड़ता है और इसे गर्मी के सबसे तपते दिनों में से एक माना जाता है। इस समय तापमान बढ़कर 50 डिग्री के पार चला जाता है।
रेगिस्तानी क्षेत्र में गर्म हवा चलने के कारण वहां उत्पन्न होने वाले बैक्टिरिया व जीवाणु खत्म हो जाते हैं। जिससे हमारा वातावरण शुद्ध हो जाता है। सूर्य घूमते हुए मध्यभारत के ऊपर आ जाता है और जून में कर्क रेखा के पास पहुंच जाता है। इस दौरान यह 90 डिग्री की पोजिशन में होता हैए जिससे किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। इसी कारण तापमान बढ़ जाता है। ज्यादा गर्मी पड़ने से मानसून अच्छा ही होगाए ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। हांए गर्मी तेज होने से मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र निर्मित होता हैए इसे हीट लो कहा जाता है। यह मानसून को सक्रिय करने में मददगार होता हैए लेकिन हम ये नहीं कह सकते कि अधिक गर्मी पड़ने से मानूसन भी अच्छा होगा।
नौतपा क्या है
नौतपा मई.जून माह में 9 दिन का समय होता है। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और नौ दिनों तक वहां रहता है। इस अवधि को नौतपा कहते हैं। नौतपा आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरूआत में पड़ता है और इसे गर्मी के सबसे तपते दिनों में से एक माना जाता है। नौतपा नौ दिनों की वह अवधि है जब गर्मी अपने चरम पर पहुँच जाती है। इसे नवताप के नाम से भी जाना जाता है। ये दिन साल के सबसे गर्म दिनों में शुमार होते हैं। दिल्ली.एनसीआर सहित देश के अन्य जगहों की बात करें तो यहां तापमान 47 डिग्री से ऊपर तक पहुँच सकता है।
किसान ताकते हैं नौतपा की राह
किसान विकासए पवनए कृष्ण व हरिराम ने बताया कि जिस वर्ष में नौतपा खूब तपा तो उस साल बारिश जमकर होगी। इसके पीछे किसान पुरानी मान्यताओं को मानते हैं। इस समय मॉनसून का अंदाजा लगाया जाता है कि नौतपा में गर्मी कितनी पड़ी है। लेकिनए ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि जून के शुरुआत में गर्मी तेज पड़ेगी तो मॉनसून अच्छा ही होगी। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसारए ये बात सच है कि तापमान ज्यादा होने से निम्न दबाव की स्थिति रहती है और इससे मॉनसून सक्रिय होने में मदद मिलती है। लेकिनए ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि अधिक गर्मी पड़ने से मॉनसून ज्यादा अच्छा होगा।
नौतपा अगर नहीं तपेगा तो क्या होगा
नौतपा के बारे में एक कहावत है कि..
- दो मूसाए दो कातराए दो तीड़ीए दो ताय।
- दो की बादी जल हरैए दो विश्वर दो वाय।।
इन पंक्तियों का जवाब देते हुए बुजुर्ग केहरसिंह ने बताया कि इसका अर्थ है कि नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे। अगले दो दिन लू नहीं चली तो कातरा ;फसल को नुकसान पहुँचाने वाला कीटद्ध बहुत हो जाएगा। तीसरे दिन से दो दिन लू नहीं चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे जिससे टिड्डियों की संख्या अधिक होने से किसानों की फसल को नुकसान पहुँचाएंगे। चौथे दिन से दो दिन तक लू नहीं चली तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन लू नहीं चली तो सांप.बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। नौतपा के आखिरी दिन भी लू नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेगी जिससे फसलों को नुकसान होने का खतरा अधिक रहता है।
नौतपा के दौरान हमें क्या क्या करना चाहिए
नौतपा को सेहत के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान गर्म लू से बचने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। ऐसे में ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए। पानीए छाछए दहीए नारियल पानी और बेल के शरबत का सेवन लाभकारी होता है। इससे शरीर में ठंडक बनी रहती है।
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