लघु कथा: सच्चा विश्वास

Advertisement

6/recent/ticker-posts

लघु कथा: सच्चा विश्वास


कहा जाता है कि ईरान के फजल ऐयाज नामक एक प्रसिद्ध मुस्ल्मि संत पहले डाकुओं के सरदार थे। एक बार उनके गिरोह के डाकुओं ने प्यापारियों के एक दल को घेरकर लूटना शुरु कर दिया। लूटपाट के दौरान एक व्यापारी नजर बचाकर उस तंबू में घुस गया, जहां गिरोह के सरदार फजल ऐयाज फकीर वेश में बैठा हुए थे। फकीर के रूप में फजल को देखकर व्यापारी ने अपनी रुपयों की थैली उनके सामने रखते हुए कहा, ‘‘मैं रुपयों की थैली आपके पास सुरक्षित रख रहा हूं। 


यह भी पढ़े... 

मुंशी प्रेमचंद की कहानी:- अनुभव

लघु कथा: संगति


डाकूओं के जाने के बाद मैं इसे यहां से ले जाऊंगा। तब तक आप इसे अपने पास रखकर मेरे धन की सुरक्षा क ीजिए। लूटपाट थमने के बाद व्यापरी वापस तंबू में लौटा और यह देखकर आश्चर्य में पड़ गया कि वहां वे ही डाकू बैठकर आपस में माल बांट रहे थे और इस बारे में फजल से मशविरा कर रहे थे।  ’’  व्यापारी मन ही मन पछताकर वहां से लौटने लगा, तो फजल ऐयाज बोले, ‘‘ऐ मुसाफिर, तुम लौट क्यों रहे हो ? ’’ इस पर व्यापारी ने घबराते हुए कहा, ‘‘हजूर, मैं यहां अपनी रुपयों की थैली लेने आया था। परंतु अब जा रहा हूं? ’’ फजल ऐयाज बोले, ‘‘ठहरो, तुम अपनी धरोहर लेते जाओ।’’


  यह देखकर डाकुओं ने सरदार से कहा,‘‘हजूर यह क्या ? आपने हाथ आया हुआ माल वापस क्यों जाने दिया?’’ इस पर फजल ऐयाज बोले, ‘‘तुम्हारी बात ठीक है, विश्वास को मैं चोट कैसे पहुंचा सकता था?’’ फजल का जवाब सुनक र डाकुओं ने ग्लानि से सिर नीचे झुका लिया। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ